ब्रिटेन में चल रही जी-7 समिट ( G7 Summit ) का रविवार को आखिरी दिन था। शनिवार को ‘वन अर्थ-वन हेल्थ’ का मंत्र देने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )ने रविवार को भी लगातार दूसरे दिन समिट को वर्चुअली संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन के दो सत्रों को संबोधित किया ।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। विदेश मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी पी हरीश ने मीडिया को बताया- प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 देशों के नेताओं से कोरोना वैक्सीन को पेटेंट फ्री करने की वकालत की साथ ही सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा।
इसके साथ ही उन्होंने यात्रा छूट (TRIPS waiver) के समर्थन का आग्रह किया। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका ने इसका समर्थन किया। इसके पहले WTO और UN सेक्रेटरी जनरल भी इसका समर्थन कर चुके हैं। इन सभी का मानना है कि ग्लोबल वैक्सीनेशन प्लान के लिए यह ट्रिप्स वेबर बहुत जरूरी है। भारत और साउथ अफ्रीका ने WTO को इसका प्रस्ताव भी भेजा है।
ब्रिटेन में चल रही G-7 समिट ( G7 Summit ) का रविवार को आखिरी दिन था। शनिवार को ‘वन अर्थ-वन हेल्थ’ का मंत्र देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भी लगातार दूसरे दिन समिट को वर्चुअली संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। विदेश मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी पी हरीश ने मीडिया को बताया- प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 देशों के नेताओं से कोरोना वैक्सीन को पेटेंट फ्री करने की वकालत की साथ ही सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा।
इसके साथ ही उन्होंने यात्रा छूट (TRIPS waiver) के समर्थन का आग्रह किया। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका ने इसका समर्थन किया। इसके पहले WTO और UN सेक्रेटरी जनरल भी इसका समर्थन कर चुके हैं। इन सभी का मानना है कि ग्लोबल वैक्सीनेशन प्लान के लिए यह ट्रिप्स वेबर बहुत जरूरी है। भारत और साउथ अफ्रीका ने WTO को इसका प्रस्ताव भी भेजा है।
मोदी ने कहा कि इस जी-7 समिट ( G7 Summit ) में भारत को शामिल करने का मतलब ही यही है कि इस वक्त दुनिया जिस संकट से गुजर रही है, उससे भारत की भागीदारी के बिना नहीं निपटा जा सकता। हम हेल्थ गवर्नेंस, वैक्सीन की उपलब्धता और क्लाइमेट एक्शन पर जी-7 के साथ काम करना चाहते हैं। मोदी ने भारत में टेक्नोलॉजी के उपयोग का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह यहां आधार, डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम और जनधन आधार को मोबाइल से कनेक्ट किया गया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत अधिनायकवाद, आतंकवाद और हिंसक अतिवाद से उत्पन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा के लिए जी-7 का स्वाभाविक सहयोगी है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सभी नेताओं ने मुक्त, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की और क्षेत्र में भागीदारों के साथ सहयोग करने का संकल्प लिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी भागीदारी जी-7 के भीतर समझ को दर्शाती है कि भारत की भूमिका के बिना सबसे बड़े वैश्विक संकट का समाधान संभव नहीं है।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2021