उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ ( Pratapgarh )जिले के कटरा मेदनीगंज में एक चैनल के पत्रकार ( journalist ) सुलभ श्रीवास्तव रविवार रात संदिग्ध हाल में मृत पड़े मिले। घटना तब हुई जब वह समाचार कवरेज करके लालगंज से बाइक से घर लौट रहे थे। उनके सिर पर हल्की चोट के निशान मिले हैं। लेकिन देर रात तक यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि उनकी मौत कैसे हुई। खास बात यह है कि एक दिन पहले ही उन्होंने आला पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज कर अपनी जान को खतरा बताया था। पुलिस का कहना है कि जांच पड़ताल की जा रही है।घरवालों ने हत्या का आरोप लगाया है।
प्रतापगढ़ ( Pratapgarh ) नगर कोतवाली क्षेत्र के रेलवे स्टेशन मोहल्ले में रहने वाले पत्रकार ( journalist )सुलभ श्रीवास्तव (40) एक टीवी चैनल के पत्रकार थे। रविवार शाम वह एक घटना के कवरेज के लिए लालगंज कोतवाली गए थे। रात करीब 10:30 बजे वहां से लौट रहे थे। नगर कोतवाली क्षेत्र के सुखपाल नगर इलाके में संदिग्ध हालत में रोड के किनारे पड़े हुए मिले। सिर पर चोट के निशान थे। शर्ट के सारे बटन खुले हुए थे। स्थानीय लोगों की सूचना पर उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
पत्रकार ( journalist )सुलभ ने एक दिन पहले ही एडीजी प्रयागराज जोन को शिकायती पत्र भेजकर अपनी व अपने परिवार की जान को खतरा बताया था। इसमें बताया था कि पिछले दिनों प्रतापगढ़ जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों मैं अवैध शराब का जखीरा पकड़े जाने की घटना का कवरेज उन्होंने किया था। इसके बाद 9 जून को न्यूज़ चैनल के डिजिटल प्लेटफार्म पर एक खबर भी चलाई थी। जिसे लेकर कुछ लोगों ने बताया था कि शराब माफिया उस खबर को लेकर उनसे नाराज हैं। पत्र में यह भी बताया गया था कि पिछले 2 दिनों से जब भी वह घर से बाहर निकलते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि कोई उनका पीछा कर रहा है। ऐसे में उन्हें लगता है कि कुछ शराब माफिया, जो उनकी खबर से नाखुश हैं, उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनका परिवार भी डरा सहमा है।
घर वालों ने हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सुलभ की मौत सड़क हादसे में नहीं हुई है। साजिश के तहत उनकी हत्या की गई। सूचना पर सीओ सिटी भी अस्पताल पहुंचे। घटना की जानकारी होने पर अस्पताल में पत्रकारों का जमावड़ा हो गया। सुलभ के दो छोटे छोटे बच्चे हैं