उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के कानपुर ( Kanpur ) में नौकरी के नाम पर ठगी के शिकार और कर्जदारी से तंग आकर एक लखनऊ निवासी बेरोजगार युवक यतींद्र कुमार तिवारी (29)ने फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide )कर ली।
तलाशी के दौरान कमरे से दो पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला।यतींद्र ने सुसाइड नोट की शुरुआत गाने से की हैये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा… ये चंचल हवा।
तीन दिन बाद जब कानपुर ( Kanpur ) में कल्याणपुर के सत्यम विहार स्थित किराये के कमरे से बदबू उठी तो घटना का पता चला। उन्होंने सुसाइड नोट के माध्यम से दंपति समेत पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मूलरूप से लखनऊ के बालागंज, आजाद नगर निवासी यतींद्र के परिवार में पत्नी और पांच माह का बेटा है। वे 10 माह से सत्यम विहार निवासी बैंककर्मी अमित पांडेय के मकान में किराये पर रह रहे थे। मधुवन स्वीट हाउस के पास पान की दुकान लगाते थे। मकान मालिक ने बताया कि एक सप्ताह पहले पत्नी बेटे को लेकर घर चली गई थी।
शनिवार से यतींद्र का कमरा बंद था। सोमवार को बदबू आने पर उन्होंने कमरे का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद कानपुर ( Kanpur )पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी। पुलिस जब कमरे का दरवाजा तोड़कर भीतर दाखिल हुई तो यतींद्र का शव फर्श पर पड़ा मिला। एक पैर बेड पर था। तलाशी के दौरान कमरे से दो पन्नों का ससुसाइड नोट भी मिला।
यतींद्र ने सुसाइड नोट की शुरुआत गाने से की है। इसके आगे उन्होंने लिखा है कि राज किशोर उर्फ छुट्टन ने नौकरी के नाम पर उनसे साढ़े तीन लाख रुपये लिए। उसकी पत्नी माया ने भी बातों में फंसाकर तीन लाख और ले लिए। उनके चेले अरविंद ने कल्याण विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर ढाई लाख रुपये ले लिए।
प्रिय मित्र सूरज गंगवार, जिसके भैया और भाभी पुलिस में हैं। उनसे पांच उधार लिए थे। उधार न दे पाने पर उन्होंने पुलिस का खौफ दिखाकर पूरे परिवार को प्रताड़ित किया। कार भी छीन ले गए। उन्होंने राजकिशोर, माया, अरविंद, बाराबंकी के लोकेश और मजहर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।