राजस्थान ( Rajasthan ) के नागौर (Nagaur ) जिले के डीडवाना में एक 50 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर अली खान पुत्र शेर खान ने मंगलवार सुबह कर्ज से परेशान होकर फांसी लगाकर जान दे दी। प्रॉपर्टी डीलर सुबह नहाने का कहकर घर की दूसरी मंजिल पर गया था, जहां उसने फांसी लगा आत्महत्या (suicide ) कर ली। मौके से तीन दिन पहले यानी 12 जून को लिखा एक 4 पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें सूदखोरों द्वारा लिए कर्ज और प्रॉपर्टी के मामले से परेशान होकर आत्महत्या की बात सामने आई हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बांगड़ अस्पताल में मृतक का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपा।
नागौर (Nagaur ) जिले के डीडवाना में मृतक अली खान जमीनी कारोबार से जुड़ा हुआ था और पिछले कई समय से लॉकडाउन से आई मंदी के चलते कर्ज से दबा हुआ था। सूदखोर कर्ज के तकाजे को लेकर उसे बार-बार परेशान कर रहे थे। बताया जा रहा है कि इसी के चलते उसने परेशान होकर फांसी लगा आत्महत्या कर ली। अब नागौर (Nagaur ) पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
तीन दिन पहले लिखा सुसाइड नोट, सूदखोरों के कर्ज और जमीन का जिक्र अली खान ने तीन दिन पहले 12 जून को यह सुसाइड नोट लिखा था, जिस पर 12 जून तारीख भी लिखी है। इसमें उसने लिखा कि मैं ब्याज भरते पागल हो गया हूं। मेरे पास अब कुछ नहीं बचा और तंग आकर आत्महत्या कर रहा हूं।
इस सुसाइड नोट में पुष्कर बाईपास के पास खरीदी कॉलोनी का भी जिक्र हैं और बताया कि लॉकडाउन में यह फेल हो गई थी। भतीजे अनवर को बिना रुपए का पार्टनर बनाया। जो पुलिस से फोन करवाकर परेशान कर रहा था। इसमें पुष्कर पुलिसकर्मियों के नंबर भी लिखे हैं। इनमें तीन से चार लोगों के नाम हैं।
नोट में फरीद कुरैशी नाम के युवक से भी प्रॉपर्टी व लेनदेन विवाद के चलते धमकाने का आरोप लगाते हुए उसे भी मौत का जिम्मेदार बताया। मृतक ने इस नोट में बताया कि परिजनों को इनसे खतरा है और पुलिस आरोपियों से उसका पैसा दिलाएं। ताकि बाबूलाल कच्छावा से लिए 7 लाख रुपए और पवन सोनी से लिए उधार की रकम का कर्ज चुका सके।