उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में 21 जून से कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ रेस्टोरेंट ( Restaurants ) व मॉल को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जा सकेगा। इसी तरह, पार्क, स्ट्रीट फूड आदि के संचालन की अनुमति भी दी जाएगी। इन स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य होगी। वहीं, साप्ताहिक कर्फ्यू पहले की तरह ही जारी रहेगा।
उदाहरण के लिए अगर कोई रेस्टोरेंट्स ( Restaurants ) 50 सीट वाला है, तो वहां अधिकतम 25 लोग ही एक बार में खाना खा सकेंगे।दुकानों के साथ सब्जी मंडियां भी रात 9 बजे तक खुल सकेंगी। पर घनी आबादी की सब्जी मंडियों को प्रशासन खुले स्थान पर खुलवाएगी।
उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath )ने मंगलवार को समीक्षा बैठक के बाद टीम-09 के छूट देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड संक्रमण के दृष्टिगत दिन पर दिन बेहतर होती स्थितियों के बीच सोमवार, 21 जून से रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू में और छूट दी जाएगी। प्रदेश सरकार का अब रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात नौ बजे से अगले दिन सुबह सात बजे तक प्रभावी होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath )ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति हर दिन के साथ और नियंत्रित होती जा रही है। उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ। संक्रमण कम हुआ है, पर जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बढ़ा सकती है। सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। भीड़ से बचें। पुलिस बल सक्रिय रहे।
सरकार के फैसले के बाद राज्य के 16 लाख रिटेलर्स को फायदा मिलेगा। व्यापारी और इंडस्ट्री से जुड़े संगठन लगातार मांग कर रहे थे कि बाजार खोलने का समय रात 9 या 10 बजे तक कर दिया जाए। उनका कहना था कि 7 बजे दुकान बंद करने के लिए 6 बजे से ही तैयारी शुरू करनी पड़ती है। जबकि दफ्तर शाम छह बजे के बाद बंद होते है। ऐसे में सबसे ज्यादा कस्टमर उसी समय आता है। बाजार का लगभग 50 फीसदी कारोबार शाम छह बजे के बाद होता है।
वहीं, रेस्टोरेंट्स ( Restaurants ) नहीं खुलने से इस सेक्टर से जुड़े कारोबारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। अकेले लखनऊ शहर में 1500 से ज्यादा छोटे बड़े रेस्टोरेंट्स नहीं खुल पा रहे थे। यहां से केवल ऑनलाइन ऑर्डर ही हो रही थे।