राजस्थान ( Rajasthan ) के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय अभयारण्य( Ranthambore National Park ) में बाघिन टी-111 ने चार शावकों को जन्म दिया है। जिस इलाके में बाघिन अपने चार शावकों में नजर आई वहां मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। सवाईमाधोपुर के मुख्य वन संरक्षक टी.सी.वर्मा ने बताया कि रणथंभौर के कुंडेरा लक्कडदा क्षेत्र में स्थित आडी डगर नाले के पास बाघिन चार नवजात शावकों के साथ नजर आई। जिससे वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है।
फिलहाल रणथम्भौर ( Ranthambore )में बाघों की कुनबा लगातार बढ़ रहा है। पिछले माह टी- 69 अपने दो दिखाई दी थी। जिसके अब साथ बाघिन टी- 111 चार शावकों के साथ नजर आई है। वर्तमान में रणथम्भौर टाइगर प्रोजेक्ट फेज 4 मॉनिटरिंग के अंतर्गत कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं। जंगल में पहले से भी कैमरे लगे हुए हैं। सीसीएफ टीसी वर्मा ने बताया कि पिछले एक माह से टी-111 के व्यवहार एवं शारीरिक शिक्षण संरचना से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि इस बाघिन ने शावकों को जन्म दिया है। जिसकी बीते हुए कल पुष्टि हो गई।
रणथम्भौर ( Ranthambore )में फिलहाल 69 टाइगर है। जिनमें से रणथम्भौर टाइगर प्रोजेक्ट करौली के अधीन कैला देवी सेंचुरी में एक नर बाघ एक मादा एवं दो शावक कुल कुल बाघ 4 है। जबकि धौलपुर में एक नर बाघ एक मादा वह वह दो शावक मौजूद है। वर्तमान में रणथम्भौर में कुल 69 टाइगर मौजूद है। जिनमें से 21 नर बाघ, 30 मादा व 18 शावक है। इनमें से 6 टाइगर प्रदेश की अन्य बाघ परियोजनाओं में भेजना प्रस्तावित है। जिसके बाद रणथम्भौर में करीब 63 बाघ रह जाएंगे।
रणथंभौर (Ranthambore ) की प्रसिद्ध बाघिन एरोहेड की बेटी बाघिन रिद्धि टी 124 को जल्द ही सरिस्का भेजा जाएगा, इसको लेकर केंद्र सरकार एवं एनटीसीए द्वारा मंजूरी दे दी गई है।लेकिन अभी राज्य सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि बाघिन एरोहेड की दो बेटियां हैं- एक रिद्धि और दूसरी सिद्धि. बाघिन एरोहेड की दोनों ही बेटियां युवा होने के साथ ही अपनी टेरेटरी बनाने के लिए अग्रसर हैं, जिसके चलते विगत कुछ समय में दोनों बहनों के बीच कई मर्तबा आपसी टकराव हो चुका है।