बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को 36 वर्षीय महिला के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया जिसने कहा था कि शिवसेना सांसद संजय राउत ( Sanjay Raut ) और उसके पति के इशारों पर कुछ लोगों ने उसका पीछा किया और उसे प्रताड़ित किया। महिला और उनके पति के बीच अलगाव है।
न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन.जे. जामदार की खंडपीठ ने पुलिस आयुक्त को इस मामले में 24 जून को अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। याचिका इस वर्ष फरवरी में दायर की गई थी जिसमें पेशे से मनोवैज्ञानिक महिला ने दावा किया था कि शिवसेना नेता और राज्य सभा सदस्य राउत ( Sanjay Raut ) तथा उसके अलग रह रहे पति के इशारों पर कुछ अज्ञात पुरुष उसका पीछा कर रहे हैं और उसे परेशान कर रहे हैं।
महिला की वकील आभा सिंह ने अदालत को मंगलवार को बताया कि याचिका दायर करने के बाद हाल में उनकी मुवक्किल को असंज्ञेय मामले में गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने पीएचडी की नकली डिग्री हासिल की है। उन्होंने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता दस दिन से जेल में है। जब से उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है तब से पूरी पुलिस मशीनरी उनके पीछे पड़ गई है। यह दुर्भावनापूर्ण और बदले के इरादे से की गई कार्रवाई है।’’
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court )ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दायर कर सकती हैं। पीठ ने कहा, ‘‘हम पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वह याचिका में की गई शिकायतों की जांच करें और उचित कदम उठाएं। पुलिस आयुक्त 24 जून को इस मामले में रिपोर्ट दें।’’
महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि उन्होंने 2013 और 2018 में तीन शिकायतें की थीं लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका पर मार्च में जब सुनवाई हुई थी तब राउत के वकील प्रसाद ढाकेफलकर ने इसका विरोध करते हुए सभी आरोपों से इंकार कर दिया था। उनका कहना था कि याचिकाकर्ता शिवसेना नेता (Sanjay Raut ) की पुत्री समान है।