लोकसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) की नेता मिमी चक्रवर्ती( Mimi Chakraborty ) ने कहा कि उन्होंने कोलकाता के न्यू मार्केट इलाके में एक ‘फर्जी टीकाकरण’ अभियान का भंडाफोड़ किया है। जादवपुर संसदीय क्षेत्र से टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती ने बताया कि टीका लगवाने के बाद उन्हें कोई एसएमएस या वैक्सीन प्रमाणपत्र नहीं मिला जिसके बाद उन्हें संदेह हुआ। सांसद ने तुरंत मामले की जांच की जिसके बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि आरोपी ने ही मिमी चक्रवर्ती को वैक्सीनेशन कैंप आने का अनुरोध किया था।
सांसद चक्रवर्ती ( Mimi Chakraborty ) ने बुधवार को कहा कि मुझसे एक ऐसे व्यक्ति ने संपर्क किया जिसने अपना परिचय एक आईएएस अधिकारी के रूप में दिया और कहा कि वह ट्रांसजेंडर और विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है और उसने मुझसे इस अभियान के दौरान उपस्थित रहने के लिए अनुरोध किया।
मिमी चक्रवर्ती ( Mimi Chakraborty ) ने कहा, ‘मैंने भी लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए वैक्सीनेशन कैंप का दौरा किया और कोविशील्ड की कोरोना वैक्सीन, लगवाई, लेकिन उन्हें आज तक कोविन पोर्टल से टीके के कंफर्मेशन का मैसेज उनके पास नहीं आया और ना ही कोई प्रमाणपत्र दिया गया।’ इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि खुद को आईएएस बताने वाला शख्स फर्जी स्टीकर और नीली बत्ती की गाड़ी में घूम रहा था। इसके बाद कस्बा थाना की पुलिस ने देवांजन देव (28) को गिरफ्तार कर लिया, देवांजन देव के पिता का नाम मोनोतांजन देव है। वह कोलकाता के आनंदपुर थाना क्षेत्र के हुसैनपुर, मदुरदाहा का निवासी है।
पुलिस के हत्थे चढ़े इस शख्स ने अपनी प्राइवेट इनोवा कार (WB06R-0999) पर नीली बत्ती भी लगा रखी थी, कार की विंड शील्ड के आगे बोनट पर और पीछे विंड शील्ड पर पश्चिम बंगाल सरकार के लोगो वाला झंडा भी लगा रखा था. इन झंडों को जब्त कर लिया गया है।
इस मामले में डीसी (एसएसडी) रशीद मुनीर खान ने बताया कि इस कैंप में सांसद के अलावा और 200 से अधिक लोगों ने वैक्सीन लिया है। गिरफ्तार आरोपी ने कहा है कि उसने इसे बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट स्थित बागड़ी मार्केट से खरीदा था, कुछ वैक्सीन स्वास्थ्य भवन के निचले स्तर के कर्मचारियों से भी खरीदा था। इसके कारण जो वैक्सीन लोगों को दी गयी है, उसमें क्या था, इसकी जांच जरूरी है. इसलिए वैक्सीन के सैंपल लैब में भेजे गये हैं।