राजस्थान ( Rajasthan ) भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार रात को बड़ी कार्रवाई करते श्रम विभाग के लेबर कमिश्नर ( Labor Commissioner ) प्रतीक झाझड़िया ( prateek jhajharia ) को 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई एसीबी ने जयपुर ( Jaipur ) में की। रिश्वत की रकम मासिक बंधी के रुप में दलालों के मार्फत श्रम विभाग के अफसरों से वसूली जा रही थी।
घूसखोरी के इस केस में एसीबी ने रिश्वतखोर लेबर कमिश्नर ( Labor Commissioner ) के अलावा दो व्यक्तियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक व्यक्ति का नाम रवि मीणा है। वह आर्थिक सलाहकार परिषद में विशेषाधिकारी के पद पर है। दूसरा आरोपी दलाल अमित शर्मा है। ट्रेप के बाद देर रात तक एसीबी टीम वैशाली नगर इलाके में गांधी पथ स्थित प्रतीक झाझड़िया के घर सर्च कार्रवाई करने में जुटी हुई थी। यह कार्रवाई एसीबी के डीजी बीएल सोनी व एडीजी दिनेश एमएन के निर्देशन में यह कार्रवाई डीएसपी मांगीलाल के नेतृत्व में की गई।
मूल रुप से झुंझुनूं का रहने वाला प्रतीक झाझड़िया भारतीय डाक सेवा में वर्ष 2011 बैच का अफसर है। वह पहले बिजनस डपलवमेंट विभाग, डाक सेवा में डिप्टी जनरल मैनेजर था। इसके बाद राजस्थान में डेपुटेशन पर आ गया। यहां उसे लेबर कमिश्नर ( Labor Commissioner ) बना दिया गया।
बताया जा रहा है कि राजनीतिक प्रभाव से वह डाक सेवा से डेपुटेशन पर राजस्थान में आ गए। सीधे तौर पर प्रशासनिक सेवाओं (आईएएस) से नहीं जुड़ा होने के बावजूद प्रतीक को लेबर कमिश्नर की सीट पर पर सरकार ने पोस्टिंग दी। जबकि इस पोस्ट पर अक्सर आईएएस, सीनियर आरएएस रैंक के अफसर ही कमिश्नर बनाये जाते है।
प्रतीक झाझड़िया के ट्रेप होने के बाद सवाईमाधोपुर/चित्तौड़गढ़ में श्रम कल्याण अधिकारी शिवचरण मीणा और करौली में श्रम कल्याण अधिकारी रमेश मीणा की भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में एसीबी की टीमों को इन दोनों अफसरों के घर सर्च कार्रवाई करने भेजा गया है।