कोलकाता पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी के रूप में पेश कर फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर लगा सांसद मिमी चक्रवर्ती ( Mimi Chakraborty )को शिकार बनाने वाले गिरफ्तार युवक और उसके तीन सहयोगियों पर शनिवार को हत्या का प्रयास तथा भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
देबांजन देव (28) और उसके साथियों पर आपराधिक धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और ठगने के मामले भी दर्ज किए गए हैं। देव ने खुद को कोलकाता नगर निगम का संयुक्त आयुक्त बताया था जिसके लिए उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।
उसने कसबा इलाके में टीकाकरण शिविर लगाया था जहां तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ( Mimi Chakraborty )ने भी टीका लगवाया था। सरकार के एक उच्च सूत्र के अनुसार, चारों आरोपियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने का निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर लिया गया।
इस ‘फर्जी टीकाकरण’, का तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ( Mimi Chakraborty ) ही शिकार हो गयी ,उन्होंने इस वैक्सीनेशन कैंप में भाग लिया था ।वैक्सीन लगने के चलते शनिवार की सुबह वह बीमार पड़ गई ।डॉक्टरों का कहना है कि मिमी चक्रवर्ती को डिहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर और पेट में दर्द है,उन्होंने यह भी कहा कि मिमी की बीमारी पैनिक अटैक के कारण भी हो सकती है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फर्जी टीकाकरण के प्रभाव की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का भी गठन किया है।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि चार सदस्यीय समिति जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। इस बीच आज कोलकाता पुलिस ने देब के तीन साथियों को गिरफ्तार किया।
शनिवार को विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र भी लिखा था और उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस पर केंद्रीय जांच कराने की मांग की थी। इसी मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी ममता सरकार पर निशाना साधा और उन पर धोखाधड़ी आरोप लगयाा, दिलीप घोष ने कहा कि अब तृणमूल ने वैक्सीन सिंडिकेट शुरू कर दिया है। कोई नहीं जानता कि ऐसे धोखेबाज और कहां अपना रैकेट चला रहे हैं, यह कोलकाता के अलावा राज्य में कहीं और भी हो सकता है।