उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के आगरा ( AGRA) शहर के थाना न्यू आगरा के दयालबाग से शीतगृह स्वामी सुरेश चौहान के इकलौते बेटे सचिन (25) की अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई। इसके बाद बल्केश्वर घाट पर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। रविवार रात को पुलिस को सुराग मिले। उसके बाद पांच युवकों को पकड़ लिया गया। इनमें एक बड़े कारोबारी का बेटा भी शामिल है। पुलिस ने सोमवार को हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
सचिन के दोस्तों ने दो करोड़ रुपये की फिरौती के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। अपहरण वाले दिन आरोपियों ने कार के अंदर उसकी हत्या कर दी और शव को आगरा ( AGRA) शहर में ही श्मशान घाट पर पीपीई किट पहनकर जला दिया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को पकड़ा है। सचिन शीतगृह स्वामी का इकलौता बेटा था। सचिन के लापता होने के बाद पिता से दो करोड़ की फिरौती की मांग की गई। आरोपियों ने यह फिरौती कैसे मांगी इसका पुलिस ने खुलासा नहीं किया है। पुलिस के साथ एसटीएफ को भी इस हत्याकांड की जांच के लिए शामिल किया गया।
मूलरूप से आगरा ( AGRA) में बरहन के गांव रूप धनु निवासी सुरेश चौहान दयालबाग के जय राम बाग में रहते हैं। सुरेश जिला पंचायत में ठेकेदारी भी करते हैं। उनका रूप धनु में ही एसएस शीतगृह है। यह साझीदारी में करते हैं। उनका बेटा सचिन भी ठेकेदारी और शीतगृह में कामकाज देखा करता था।
21 जून की दोपहर 3:30 बजे लोअर और टीशर्ट में घर से निकला था। मां अनीता से कहा था कि कुछ देर में आ रहा है। इसके बाद लापता हो गया। उसकी तलाश की, लेकिन नहीं मिला। इस पर दूसरे दिन थाना न्यू आगरा में गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस ने सचिन की तलाश शुरू कर दी। पुलिस की स्पेशल टीम को भी लगाया गया।

पुलिस ने बताया कि रविवार रात सचिन के अपहरण के मामले में कमलानगर निवासी हैप्पी खन्ना को पकड़कर पूछताछ की गई तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। हैप्पी ने बताया कि उसने सुमित असवानी, मनोज बंसल और रिंकू के साथ मिलकर रिंकू की कार से सचिन को घर के पास से अगवा किया था। सचिन उन्हें पहचानता था इसलिए कोई चीख-पुकार नहीं हुई थी। कार में ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
आरोपियों ने हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने के लिए कोरोना महामारी का फायदा उठाया। लाश को बैग में रखकर पीपीई किट पहनकर बल्केश्वर शमशान घाट गए और वहां कोविड से मौत और मृतक का नाम रवि वर्मा बताकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया था। पीपीई किट के कारण लोग उन्हें पहचान नहीं पाए और कोरोना का नाम सुनकर कोई शव के पास तक नहीं आया।
पुलिस ने बताया कि दयालबाग निवासी हर्ष चौहान, सचिन और उसके पिता सुरेश चौहान के साथ पार्टनरशिप में ठेकेदारी करता था। इधर, कोरोना में उसका काफी घाटा हुआ था। सचिन के ठेकेदार दोस्त सुमित असवानी का सचिन के ऊपर 40 लाख रुपया बकाया था और काफी समय से मांगने पर भी उसे वापस नहीं मिल पा रहा था।
हर्ष ने सुमित को साजिश में शामिल किया और वादा किया कि अपहरण के बाद वो मध्यस्थता करवाकर दो करोड़ की फिरौती दिलवा देगा। इसमें से एक करोड़ उसका होगा और एक करोड़ उसे दे देगा। किसी कारण से अगर फिरौती नहीं मिली तो भी वह सुमित को उसका सचिन पर बकाया 40 लाख रुपया दे देगा। इसके बाद सुमित ने अपने साथियों रिंकू, मनोज और हैप्पी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। सचिन का परिवार पूरे प्रकरण के बाद सदमे में है।