Saturday, September 21, 2024

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जायडस कैडिला ने कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी, यह निडिल फ्री वैक्सीन होगी ,तीन डोज लेनी होगी

Zydus Cadila

Zydus Cadilaजायडस कैडिला( Zydus Cadila ) ने अपनी  जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मांगी है। यह वैक्सीन 12 साल से ऊपर के लोगों के लिए है। इसके फेज-3 के ट्रायल पूरे हो चुके हैं। कंपनी का कहना है कि उसका सालाना 12 करोड़ डोज बनाने का प्लान है।

जायडस कैडिला( Zydus Cadila ) की जायकोव-डी को मंजूरी मिलती है तो यह देश में पांचवीं अप्रूव्ड वैक्सीन होगी। दो दिन पहले ही अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को DCGI ने मंजूरी दी है। इससे पहले कोवीशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V को अप्रूवल मिला था।

जायकोव-डी के फेज-3 ट्रायल 28,000 लोगों पर किए गए थे। इनमें 1000 ऐसे थे, जिनकी उम्र 12-18 साल थी। कंपनी ने कोरोना की दूसरी लहर के पीक के दौरान ये ट्रायल किए थे। जायडस कैडिला का कहना है कि उसकी वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर भी प्रभावी है।कंपनी ने दावा किया है कि जीनोम सीक्वेंसिंग के नतीजों के अनुसार यह घातक माने जा रहे डेल्टा वैरिएंट पर भी असरकारक है। इसका अध्ययन देश के 50 क्लिनिक में किया गया था।

जायडस कैडिला ( Zydus Cadila ) के प्रबंध निदेशक शर्विल पटेल ने बताया कि हमें अगस्त से हर महीने ZyCoV-D के 1 करोड़ डोज और दिसंबर तक 5 करोड़ डोज का प्रोडक्शन होने की उम्मीद है। हमारा टारगेट एक साल में 10 करोड़ डोज तैयार करना है।

ये वैक्सीन निडिल की बजाय जेट इंजेक्टर से लगेगी। जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल अमेरिका में सबसे ज्यादा होता है। इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता है। वहीं, आमतौर पर जो निडिल इंजेक्शन यूज होते हैं, उनसे फ्लूड या दवा मसल्स में जाती है। जेट इंजेक्टर में प्रेशर के लिए कंप्रेस्ड गैस या स्प्रिंग का इस्तेमाल होता है।

सबसे पहला फायदा तो यही है कि इससे लगवाने वाले को दर्द कम होता है, क्योंकि ये आम इंजेक्शन की तरह आपके मसल के अंदर नहीं जाती। दूसरा फायदा ये कि इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा निडिल वाले इंजेक्शन की तुलना में काफी कम होता है।

जायकोव-डी एक DNA-प्लाज्मिड वैक्सीन है। ये वैक्सीन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए जेनेटिक मटेरियल का इस्तेमाल करती है। जिस तरह अमेरिका समेत कई देशों में लग रही फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए mRNA का इस्तेमाल करती हैं, उसी तरह ये प्लाज्मिड-DNA का इस्तेमाल करती है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels