महाराष्ट्र ( Maharashtra ) के भीमा कोरे गांव हिंसा केस( Bhima Koregaon Case ) में 8 महीने पहले मुंबई की तलोजा जेल भेजे गए एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी ( Stan Swamy ) (84) का सोमवार को अस्पताल में निधन हो गया। वे लगातार गिरती सेहत का हवाला देकर जमानत की अपील कर रहे थे। उनके वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि रविवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। जहां उनकी हालत बिगड़ती गई। स्टेन के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन पर हार्दिक संवेदना। वह न्याय और मानवता के पात्र थे।’
भीमा कोरेगांव हिंसा केस ( Bhima Koregaon Case )में नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) ने आरोप लगाए थे कि स्टेन ( Stan Swamy ) के नक्सलियों से लिंक हैं और खासतौर पर वे प्रतिबंधित माओवादी संगठन के संपर्क में हैं। वे अक्टूबर 2020 से मुंबई की तलोजा जेल में बंद थे और लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी। उन्हें 8 अक्टूबर को अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
भीमा कोरेगांव हिंसा केस ( Bhima Koregaon Case )में स्टेन को मुंबई की तलोजा जेल भेजा गया था। यहां उन्होंने खराब स्वास्थ्य सुविधाओं की शिकायत की थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद 28 मई को मुंबई हाईकोर्ट उन्हें अस्पताल भेजने का आदेश दिया था। होली फैमिली अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था। शनिवार को स्टेन ( Stan Swamy ) के वकील ने हाईकोर्ट को बताया था कि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है।
इससे पहले मई में स्टेन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अदालत से कहा था कि जेल में उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही है। उन्होंने अंतरिम बेल की अपील करते हुए कहा था कि यही स्थिति लगातार जारी रही तो जल्द मेरी मौत हो जाएगी। स्टेन ( Stan Swamy ) के अलावा उनके उनके दूसरे साथियों ने भी कहा था कि जेल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि जेल अधिकारी लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं, टेस्ट, सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजों को नजरअंदाज कर रहे हैं।