उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) में चुनौती दी है। सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
बता दें कि सरकार ने चारधाम यात्रा ( Char dham Yatra 2021 )एक जुलाई से चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिले से शुरू करने का निर्णय लिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके चलते सरकार को भी एसओपी में संशोधन कर नई गाइडलाइन जारी करनी पड़ी थी।
प्रदेश के नए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि चारधाम यात्रा संचालित करने के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल सकती है, वहीं बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई होनी है।
हाईकोर्ट ने यात्रा को लेकर सुनवाई के दौरान अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा था कि क्या हरिद्वार कुंभ के दौरान जो हुआ उसी को चारधाम यात्रा ( Char dham Yatra 2021 ) में भी दोहराने दिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जब कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई गई है, तब सरकार अपर्याप्त इंतजाम के साथ चारधाम यात्रा क्यों शुरू करना चाह रही है।
हाईकोर्ट ने कहा था कि उसे श्रद्धालुओं की भावना का पूरा अहसास है और सरकार चारों धामों की पूजा का टीवी पर सजीव प्रसारण करे। सरकार की ओर से इस पर आपत्ति करते हुए कहा गया कि यह शास्त्र सम्मत नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब शास्त्र लिखे गए तब टीवी होता नहीं था तो ये व्यवस्था कैसे दी जा सकती थी। कोर्ट ने कहा कि जैसे उड़ीसा में जगन्नाथ यात्रा के सजीव प्रसारण की व्यवस्था है वैसा ही प्रबंध यहां भी किया जाए।
कोविड के चलते चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई है। लेकिन देर-सवेर यात्रा को शुरू कराना और सुचारु रखना भी सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।