जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) में शनिवार को 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। मोस्टवांटेड आतंकी सलाहुद्दीन ( Most wanted Terrorist Sayed Salahuddin ) के दो बेटे भी इसमें शामिल हैं। बर्खास्त करने के लिए तीन अधिकारियों की सिफारिश आईटीआई, कुपवाड़ा के एक अर्दली से संबंधित है, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ओवर ग्राउंड वर्कर था। वह आतंकियों को सुरक्षाबलों की आवाजाही व अन्य जानकारियां देने में शामिल है।अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन बेटे जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी में थे,सलाउद्दीन के दोनों बेटों सैयद शकील अहमद और शादिर युसुफ समेत कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।आतंकी सलाउद्दीन ( Terrorist Sayed Salahuddin )का बेटा शकील अहमद श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में काम करता था, जबकि, शाहिद युसूफ श्रीनगर में कृषि विभाग में काम करता था।
उल्लेखनीय है कि हिजबुल का चीफ सैयद सलाहुद्दीन ( Terrorist Sayed Salahuddin ) 2017 से अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में राज्य की सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों के संदेह में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है. संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) के तहत पास ऑर्डर से सरकार को अधिकार है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को बिना जांच कमेटी का गठन किए बर्खास्त किया जा सकता है।
साथ ही अनंतनाग जिले के दो शिक्षक जमात-इस्लामी (जेईआई) और दुख्तारन-ए-मिल्लत (डीईएम) की अलगाववादी विचारधारा में भाग लेने, समर्थन करने और प्रचार करने सहित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।
बर्खास्त करने के लिए अनुशंसित आठ सरकारी कर्मचारियों में जम्मू कश्मीर पुलिस के दो कांस्टेबल शामिल हैं। जिन्होंने पुलिस विभाग के भीतर से आतंकवाद का समर्थन किया है। आतंकवादियों को जानकारी के साथ-साथ रसद सहायता भी प्रदान की है।
साथ ही मोस्ट वांटेड आतंकवादी और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन ( Terrorist Sayed Salahuddin ) के दो बेटे भी सरकारी नौकरी कर रहे थे। बर्खास्त किए गए 11 कर्मचारियों में से चार अनंतनाग, तीन बडगाम, एक-एक बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा और कुपवाड़ा के हैं। इनमें से चार शिक्षा विभाग में, दो जम्मू कश्मीर पुलिस में और एक-एक कृषि, कौशल विकास, बिजली, एसकेआईएमएस और स्वास्थ्य विभागों में कार्यरत थे।