Friday, September 20, 2024

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स्मृति ईरानी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले फिरोजाबाद के प्रोफेसर की अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज,  कहा -‘बदनाम करने के लिए नहीं कर सकते सोशल मीडिया का इस्तेमाल’

Supreme Court

( ) ने शुक्रवार को कहा कि प्लेटफार्म का इस्तेमाल दूसरों को बदनाम करने के लिए नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भाषा पर संयम बरतना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश  के   ( के कॉलेज के एक शिक्षक शहरयार अली ( Shaharyar Ali ) को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार करते हुए की है।

शिक्षक ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ फेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि लोगों को सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति के खिलाफ आलोचना या मजाक करते वक्त अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने यूपी के फिरोजाबाद ( Firozabad ) के एसआरके कॉलेज में इतिहास के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शहरयार अली की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज करते हुए कहा,  ‘आप इस तरह महिलाओं को बदनाम नहीं कर सकते। आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ बदनाम करने के लिए नहीं कर सकते। आखिर किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है? आलोचना या मजाक करने की भी एक भाषा होती है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप कुछ भी नहीं कह सकते।

मामले के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री  स्मृति इरानी ( Smriti Irani) के खिलाफ कथित रूप से अश्लील फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने शहरयार अली के खिलाने मुकदमा दर्ज किया था। भाजपा के एक नेता की शिकायत पर प्रोफेसर को भारतीय दंड संहिता और सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया गया है।

इससे पहले मई में   (  ) ने अली को यह कहते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था कि आरोपी राहत का हकदार नहीं है क्योंकि वह एक कॉलेज में वरिष्ठ शिक्षक है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि उसके सोशल मीडिया पोस्ट से विभिन्न समुदायों के बीच दुर्भावना को बढ़ावा देने की आशंका थी। हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद अली ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court)में सुनवाई के दौरान प्रोफेसर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दावा किया कि उनके मुवक्किल का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था। और जैसे ही उन्हें इस विवादस्पद पोस्ट की जानकारी मिली तो उन्होंने माफी को भी पोस्ट किया। इस पर पीठ ने सवाल किया कि ऐसा लगता है कि बाद में यह कहानी गढ़ी गई है।

पीठ ने कहा, ‘आपने माफी मांगने के लिए उसी अकाउंट का इस्तेमाल किया, लेकिन आपका कहना है कि आपका अकाउंट हैक कर लिया गया था। इससे पता चलता है कि आप अभी भी उस अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ पीठ ने कहा कि क्या आपके पास इस बात का कोई प्रमाण है कि आपका अकाउंट हैक कर लिया गया था? पीठ ने कहा कि हमें आपके हैक वाली थ्योरी नहीं पच रही है। पीठ ने प्रोफेसर को ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कहा है।

 

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels