मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) के इंदौर (Indore) में स्थानीय अदालत के जाली आदेश बनाकर प्रमोशन पाने वाले आईएएस अधिकारी ( IAS Officer ) संतोष वर्मा को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है।वर्मा फिलहाल मध्यप्रदेश नगरीय एवं विकास प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त है।
अफसर संतोष वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार दोपहर जिला कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 14 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है।
आईएएस अधिकारी ( IAS Officer ) संतोष वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था। अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
अधिकारियों का दावा है कि आरोपी इस मामले में कथित दोषमुक्ति को लेकर अदालत के जाली फैसले की मदद से राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस( IAS Officer ) संवर्ग में पदोन्नत हुआ था। शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) हरीश मोटवानी ने रविवार को बताया कि एक स्थानीय अदालत के दो जाली निर्णय तैयार करने के मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर आयुक्त के रूप में भोपाल में पदस्थ संतोष वर्मा को पूछताछ के बाद शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया। सीएसपी ने मामले की जांच जारी होने का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी साझा नहीं की।
अधिकारियों ने बताया कि मामले में आरोप है कि विशेष न्यायाधीश के नाम पर छह अक्तूबर, 2020 की तारीख के दो जाली फैसले तैयार किए गए। इनमें से एक फैसले में वर्मा को एक महिला से गाली-गलौज, मारपीट और आपराधिक धमकी के आरोपों से बरी बताया गया था, जबकि दूसरे फैसले में कहा गया था कि दोनों पक्षों में राजीनामा (समझौता) हो गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने छह अक्तूबर, 2020 को उक्त मामले में कोई भी निर्णय पारित नहीं किया, क्योंकि उन्होंने कैंसर का इलाज करा रही अपनी पत्नी की चिकित्सकीय जांचें कराने के लिए इस तारीख को एक दिन का आकस्मिक अवकाश लिया था।
आरोप है कि वर्मा ने महिला से मारपीट के मामले में कथित दोषमुक्ति को लेकर अदालत का जाली फैसला प्रदेश सरकार के सामने असली निर्णय के रूप में प्रस्तुत किया और इसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के इस अफसर को पदोन्नत कर आईएएस संवर्ग में शामिल किया गया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है तथा इसकी आंच कुछ और प्रभावशाली लोगों तक पहुंच सकती है।