उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा(Kanwar Yatra )को रद्द कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा लगातार दूसरे साल रद्द की गई है। इससे पहले चारधाम यात्रा एक जुलाई से चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिले से शुरू करने का निर्णय लिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
हालांकि, उत्तराखंड सरकार पहले भी यात्रा को रद्द करने का संकेत दे चुकी थी। कांवड़ यात्रा में उत्तराखंड मुख्य रूप से मेजबान राज्य की भूमिका निभाता है, जबकि यात्री मुख्य रूप से यूपी, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान जैसे राज्यों से आते हैं। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को शर्तों के साथ अनुमति मिल चुकी हैं।
यूपी में 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होगी, लेकिन यहां जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य किया जाए। उन्होंने अफसरों को कांवड़ संघों से संवाद के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेंट पाए जाने और कोविड की तीसरी लहर की आशंका व देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। सीएम ने कहा कि मनुष्य के जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी कांवड़ यात्रा(Kanwar Yatra ) को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने ये भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाई के लिए अनुरोध किया जाए। जिससे वैश्विक माहमारी को रोकने में सफलता मिल सके।
मुख्यमंत्री की बैठक में उच्चाधिकारियों ने साफ कर दिया कि कोविड 19 महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा का संचालन करना उचित नहीं होगा। यात्रा (Kanwar Yatra ) के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आएंगे और उन सभी के कोविड टेस्ट करने के संभव नहीं होंगे। यात्रा को सीमित करने के लिए भी बहुत सारे इंतजाम करने पड़ सकते हैं।