उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में फिर से डीजे( DJ )बज सकेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के उत्तर प्रदेश में डीजे पर लगाए गए प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने हटा दिया है।शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आदेश न्यायोचित नहीं है। हालांकि आदेश देते वक्त कोर्ट ने हिदायत भी दी कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश में डीजे ( DJ )पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया है। 20 अगस्त, 2019 में हाईकोर्ट ने डीजे पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि डीजे से ध्वनि प्रदूषण होता है और यह अप्रिय व खिन्न करने वाला होता है।
जस्टिस विनीत शरणऔर जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ बृहस्पतिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court ) के उस आदेश को दरकिनार कर दिया है। पीठ ने कहा है कि एक निजी पक्ष द्वारा दायर याचिका पर इस तरह का सामान्य आदेश पारित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने प्रभवित पक्ष को बिना सुने ही आदेश पारित कर दिया।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court)ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में इस तरह का आदेश पारित करने की गुहार भी नहीं लगाई गई थी। बावजूद इसके हाईकोर्ट ने डीजे ( DJ )पर प्रतिबंध का आदेश पारित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान इस कारोबार से जुड़े लोगों की अपर से पेश वकील दुष्यंत पाराशर का कहना था कि डीजे ऑपरेटर विवाह समारोह, जन्मदिन पार्टी और खुशी के अन्य मौकों पर अपनी सेवाएं देकर रोजी-रोटी चलाते हैं। हाईकोर्ट के आदेश से उनकी आजीविका पर संकट पैदा हो गई है। याचिका में कहा गया है यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।