राजस्थान ( Rajasthan ) के जोधपुर ( Jodhpur ) शहर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, यहां के पाल रोड स्थित सुभाष नगर में क्षेत्र में बने एक घर में रविवार (18 जुलाई) की रात को आग लग गई। इस हादसे में परिवार के चारों सदस्यों के जिंदा जल जाने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस को सभी सदस्यों के कंकाल मिले। मरने वालों में बुजुर्ग दपंती और उनकी दो बेटियां थीं, जिनकी आग लगने के कारण मौत हो गई।
जोधपुर ( Jodhpur ) शहर के पाल रोड स्थित सुभाष नगर में रविवार शाम को एक मकान में लगी आग में एक परिवार के सभी चार लोग जिंदा जल गए। हादसे के तीन घंटे बाद सूचना मिलने पर फायरब्रिगेड मौके पर पहुंचीं। दमकलों ने आग पर काबू पाया। इसके बाद मकान के पिछले कमरे में वृद्ध माता-पिता भाष चौधरी (81) व नीलम चौधरी (76), बड़ी बेटी पल्लवी (50) और छोटी बेटी लावण्या (40) के कंकाल मिले। इसमें एक बेटी दिव्यांग थी। जबकि दूसरी बेटी सेंट पॉल्स स्कूल में टीचर थीं। आग के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।जोधपुर ( Jodhpur ) पुलिस को भी प्रथमदृष्टया पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। पुलिस जांच के बाद ही मामले के खुलासे की बात कह रही है। देर रात एफएसएल टीम ने मौके पहुंची से साक्ष्य जुटा लिए। परिवार की तीसरी बेटी चंडीगढ़ में ब्याही हुई है। उसे इस घटना के बारे में सूचना दे दी गई है।
सुभाष चौधरी करीब 21 साल पहले काजरी से रिटायर हुए थे। वे और उनकी पत्नी नीलम वृद्धावस्था के कारण चलने-फिरने में पूर्ण सक्षम नहीं थे। दोनों व्हीलचेयर या बैसाखी के सहारे ही घर के दैनिक काम कर पाते थे। वहीं छोटी बेटी लावण्या बचपन से ही निशक्त होने के कारण बिस्तर पर ही लेटी रहती थीं। ऐसे में बड़ी बेटी पल्लवी ही परिवार का एकमात्र सहारा थीं। वह शहर की एक निजी स्कूल में टीचर थीं। नौकरी के साथ सुबह-शाम का खाना, घरेलू कामकाज और मां-बाप व बहन को दवाइयां देने की जिम्मेदारी भी उसी पर थी। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से परेशान लग रही थी।
मकान के सभी दरवाजे अंदर से लॉक होने के कारण पुलिस व दमकल कर्मचारियों को भी मशक्कत करनी पड़ी। दरवाजे तोड़ने के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। तब तक सुभाष, उनकी पत्नी नीलम के अलावा दोनों बेटियां पल्लवी व लावण्या जल चुकी थीं। चारों के कंकाल एक कमरे में पड़े थे।