उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में वाराणसी (Varanasi) के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) के विज्ञान संस्थान के मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरन सिंह ( Prof Kiran Singh ) ने सोमवार को बीएचयू ( BHU )परिसर स्थित अपने आवास पर आग लगाकर जान दे दी। जिस समय यह घटना हुई उनके पति विवेक सिंह घर से बाहर गए थे और घर में केवल 11 साल की बेटी ही थी।
सोमवार घटना के वक्त डॉ. किरन सिंह के पति विवेक सिंह बाहर गए थे और घर में मौजूद 11 साल की बेटी स्वयंप्रभा उर्फ एनी ने धुआं उठता देखा तो हॉस्टल में मौजूद लोगों को सूचना दी। आग की सूचना पाकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड, पुलिस के साथ ही कुछ ही समय में दमकल की गाड़ी भी आ गई लेकिन तब तक डॉ. सिंह पूरी तरह जल चुकी थी।
आग कितनी भयावह थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धुएं का निशान छतों पर हैं। पुलिस के अनुसार स्टोर रूम में रखी कॉपी किताबों को देखने के बाद कागजों को चिता की तरह सजाया हुआ नजर आ रहा था। यहां अधिक मात्रा में कागज होने की वजह से ही आग लगाने के बाद उसकी लपटें भी अधिक दिख रही थी। अब सभी की नजरें पुलिस की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।
बीएचयू ( BHU )के सरोजनी नायडू हॉस्टल की एडमिन वार्डन डॉ. किरन सिंह इस समय गार्गी हॉस्टल के वार्डन वाले आवास में रहती थीं। भोजूबीर निवासी डॉ. किरन के पति विवेक सिंह मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि दोपहर 12 बजे डॉ. किरन ने घर की सफाई के लिए हॉस्टल से कर्मचारी को बुलाया था। वह आया तो उन्होंने उसे मना करते हुए अगले दिन आने को कहा।
वाराणसी पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि डॉ. किरन ने कागज के ढेर पर तेल छिड़कर आग लगाई है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है। मायके वालों को भी सूचना दी गई है। तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. किरन सिंह के भाई प्रशांत ने भी पिछले साल जनवरी में आत्महत्या कर ली थी। सिकरौल में रहने वाले प्रशांत ने कचहरी में निर्माणाधीन बिल्डिंग से गिरकर जान दे दी थी। इसके अलावा डॉ. किरन के पिता की भी मौत हो चुकी है। बड़ा भाई अमेरिका में इंजीनियर हैं।
बीएचयू ( BHU )की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरन के इस खौफनाक कदम को लेकर उनके विभाग के शिक्षकों के साथ ही जानने वाले लोग बहुत निराश हैं।कुछ दिनों पहले ही जब प्रोफेसरों के प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही थी तो उनका भी प्रमोशन होना था। किन्हीं कारणों से डा. किरन का प्रमोशन नहीं हो पाया और वह एसोसिएट प्रोफेसर पद पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही थी।
बीएचयू में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरन सिंह के आत्महत्या करने से पहले भी दो महिला शिक्षक इसी तरह का कदम उठा चुकी हैं। बीएचयू से ही जुड़े डीएवी कॉलेज में महिला प्रोफेसर बीते 2 अप्रैल 2019 को बैजनत्था स्थित एक अपार्टमेंट में पांचवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। इसके पहले जुलाई 2014 में नरिया (गोपाल कुंज) में रहने वाली बीएचयू में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसके पति भी बीएचयू प्रोफेसर थे।