छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर ( Raipur )के जिला अस्पताल में 7 बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप था कि तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को बिना ऑक्सीजन लगाए दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा था। वहीं अस्पताल में मौजूद एक मरीज के परिजन ने दावा किया है कि 3 नहीं 7 बच्चों की मौत हुई है। उसने कहा कि मैंने अपनी आंखों से एक के बाद एक सात बच्चों के शव ले जाते देखे हैं।
रायपुर ( Raipur ) के जिला अस्पताल में एक बच्चे के पिता घनश्याम सिन्हा ने आरोप लगाया कि उसके बच्चे की स्थिति बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने एक प्राइवेट अस्पताल ले जाने को कह दिया। बच्चे की स्थिति गंभीर थी। उसे ले जाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती, लेकिन नहीं दिया गया। वे लगातार अस्पताल प्रबंधन के लोगों से सिलेंडर की मांग करते रहे। इस दौरान भर्ती दो और बच्चों की मौत हो गई और परिजनों का गुस्सा डॉक्टरों पर फूट पड़ा।
बच्चों के इंटेंसिव केयर यूनिट में काफी देर तक बवाल होता रहा। परिजनों को कोई सही जवाब नहीं दे रहा था। लगभग 2 से ढाई घंटे तक चले बवाल के बाद पुलिस के दखल की वजह से परिजन शांत हुए। रात 11 बजे तक तीनों बच्चों के शवों के साथ घरवाले लौट गए। वहीं रायपुर ( Raipur ) अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कहा गया कि बच्चों की मौत सामान्य थी।
15 जुलाई से यहां अपने बच्चे का इलाज करा रहे एक पिता ने मीडिया को बताया कि इतने दिनों में डॉक्टरों ने उसे कई तरह की बीमारियां बता दीं। पहले दिन कहा कि किडनी खराब है। इसके बाद कह दिया कि दिल में छेद है। फिर कहने लगे कि आपके बच्चे की जिंदगी सिर्फ 10 मिनट के लिए है। अब तक बच्चे की स्थिति की सही जानकारी नहीं दी गई है। रायपुर से ही आए एक परिजन ने बताया कि ICU में बच्चों पर नियमों का हवाला देकर न तो देखने देते हैं न हाल बता रहे।
