जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के बारामूला ( Baramulla )जिले के सोपोर के वारपोरा इलाके में शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर फैयाज अहमद वार समेत दो आतंकवादी (2 Terrorists) मारे गए हैं।इस साल घाटी मेंलश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-taiba) से सबसे अधिक 41 आतंकवादी मारे गए। फैयाज अहमद पर 10 लाख का इनाम घोषित किया गया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी (2 Terrorists) मारे गए। मुठभेड़ स्थल से उनके शव बरामद हो गए हैं। आतंकवादियों की पहचान लश्कर के शीर्ष कमांडर वारपोड़ा के निवासी फैयाज अहमद वार उर्फ रुकना उर्फ उमर और चेरपोरा बडगाम के रहने वाले शाहीन अहमद मीर उर्फ शाहीन मौलवी के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा, ”पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए दोनों आतंकवादी (2 Terrorists) विभिन्न आतंकवादी वारदातों में शामिल समूहों का हिस्सा रहे हैं और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।”
पुलिस ने कहा कि फैयाज अहमद वार कई आतंकवादी समूहों का हिस्सा होने के अलावा, सुरक्षा प्रतिष्ठानों और नागरिकों की हत्याओं के लिये आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में बहुत महत्वपूर्ण कड़ी था। वह उत्तरी कश्मीर में सबसे वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था।
उन्होंने कहा, ”वह आखिरी सक्रिय आतंकवादी था जिसने उत्तरी कश्मीर में सिलसिलेवार तरीके से विभिन्न आतंकवादी अपराधों और हिंसा को अंजाम दिया। इनमें पिछले साल मार्च में वारपोरा सोपोर में पुलिस दल पर हमला शामिल था। इस हमले में एक पुलिस कर्मी और एक नागरिक मारा गया था। इसके अलावा, वह पिछले साल अप्रैल में अहद बाबा चौराहे पर संयुक्त नाका दल पर हुए हमले में भी शामिल था। इस हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए थे।”
पुलिस ने कहा कि वह ईदीपोरा बोमई के निवासी दानिश मंजूर नाजा की हत्या और मॉडल टाउन सोपोर में एक संयुक्त नाका दल पर हमले में भी शामिल था, जिसमें एक अन्य नागरिक और सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह 12 जून को एसडीएच सोपोर के पास दो नगर पार्षदों और एक पुलिसकर्मी की हत्या और सोपोर के मेन चौक पर दो पुलिसकर्मियों व दो नागरिकों के कत्ल में शामिल था।उन्होंने कहा कि वह पुलिस और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर कई ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था।
बता दें कि आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर पुलिस, सेना की 22 आरआर और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने गुरुवार को ऑपरेशन शुरू किया था। आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों द्वारा दिए गए आत्मसमर्पण के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। जिसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला, फैयाज अहमद वार और उसके साथी आतंकी को मार गिराने में सफलता पाई। इस महीने अब आतंकियों के खिलाफ नौ मुठभेड़ हुईं, जिनमें 22 आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा के कई टॉप कमांडर शामिल हैं। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा घाटी में खात्मे की कगार पर है।
#SoporeEncounterUpdate: One of killed #terrorist Fayaz War was involved in several attacks & #killings of civilians/ SFs. He was last #perpetrator of #violences in #NorthKashmir: IGP Kashmir@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) July 23, 2021