असम-मिजोरम सीमा पर सोमवार को भारी हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में असम पुलिस( Assam police ) के छह जवानों की जान चली गई।वहींअसम पुलिस( Assam police ) के कछार के एसपी समेत कम से कम 50 कर्मी हिंसा में घायल हो गए हैं।सीमा पार से लगातार हो रही गोलीबारी के बीच जंगल में मौजूद असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कछार के पुलिस अधीक्षक निंबालकर वैभव चंद्रकांत समेत कम से कम 50 कर्मी गोलीबारी और पथराव में घायल हो गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बार्डर पार से उपद्रवियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जब दोनों पक्षों के नागरिक अधिकारी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे।हिंसा में वाहनों पर हमला किए जाने की भी खबरें हैं।असम-मिजोरम ( Mizoram And Assam )दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मसले पर ट्वीट करके एक दूसरे के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें लोग लाठियां लिए नजर आ रहे हैं। हालिया तनाव ने दशकों पहले से चले आ रहे विवाद को हवा दे दी है। इसको लेकर सियासत भी गर्म हो गई है।
असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने ट्वीट किया, मुझे यह सूचित करते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि असम पुलिस ( Assam police )के छह वीर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना।
मिजोरम के मुख्यमंत्री ( Mizoram Chief Minister ) जोरमथंगा ( Zoramthanga ) ने मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इसे तुरंत ही रोका जाना चाहिए। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा- चाहर के रास्ते मिजोरम लौटते वक्त निर्दोष दंपति पर गुंडों ने हमला बोल दिया और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। आखिरकार इस तरह की हिंसक घटनाओं को आप किस तरह न्यायोचित ठहराएंगे… सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से सीमा विवाद के मसले पर बात की है। उन्होंने दोनों ही मुख्यमंत्रियों से शांति सुनिश्चित करने को कहा है।

वहीं असम (Assam)के हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने ट्वीट कर मिजोरम के मुख्यमंत्री से शिकायत करके उनसे मामले में दखल देने की अपील की है। उन्होंने कहा- आदरणीय जोरामथांगाजी… कोलासिब (मिजोरम) के एसपी ने हमें अपनी पोस्ट से तब तक हटने के लिए कहा है जब तक उनके नागरिक बात नहीं सुनते और हिंसा नहीं रुक जाती। आप बताइए ऐसी परिस्थितियों में हम किस तरह सरकार चला सकते हैं।
बता दें कि दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को खत्म करने के लिए सन 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई हैं लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ है। मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित और असम के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी एक दूसरे से सटे हुए हैं। दोनों ही राज्यों के ये जिले एक दूसरे के साथ लगभग 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। मौजूदा विवाद ऐसे वक्त में सामने आया है जब हाल ही में अमित शाह ने पूर्वोत्तर का दौरा किया था।
वर्षों से सीमाई विवाद वाले इस क्षेत्र में झड़पें होती आई हैं। दोनों ही राज्यों के नागरिक एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले जून महीने में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाया था। असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर राज्य में हैलाकांडी में दस किलोमीटर भीतर संरचनाओं का निर्माण करने और सुपारी एवं केले की फसल लगाने का आरोप लगाया था। बता दें कि मिजोरम के अलावा असम का मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी सीमा विवाद है।
I am deeply pained to inform that six brave jawans of @assampolice have sacrificed their lives while defending constitutional boundary of our state at the Assam-Mizoram border.
My heartfelt condolences to the bereaved families.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
Dear Himantaji, after cordial meeting of CMs by Hon’ble Shri @amitshah ji, surprisingly 2 companies of Assam Police with civilians lathicharged & tear gassed civilians at Vairengte Auto Rickshaw stand inside Mizoram today. They even overrun CRPF personnel /Mizoram Police. https://t.co/SrAdH7f7rv
— Zoramthanga (@ZoramthangaCM) July 26, 2021