उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल स्थगित हो गई है, लेकिन एंबुलेंस कर्मी ( Ambulance workers) पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में मंगलवार को 11कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। सभी सीएमओ को निर्देश दिया गया है कि कार्य पर नहीं लौटने वाले कर्मियों की जगह दूसरेको जिम्मेदारी दी जाए। किसी भी कीमत पर मरीजों को अस्पताल पहुंचने और अस्पताल से घर छोड़ने की व्यवस्था प्रभावित ना होने पाए। इस कार्रवाई से एम्बुलेंस कर्मी आक्रोश में आ गए हैं,उनका कहना है कि अगर आज रात 12 बजे तक सेवा बहाली नहीं हुई तो जो एम्बुलेंस चल रही हैं, उनको भी ठप किया जाएगा।
यूपी मेडिकल एंड हेल्थ पब्लिक मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन की ओर से स्थानांतरण को लेकर छह दिन से आंदोलन चलाया जा रहा है। सोमवार को महानिदेशालय के घेराव के बाद अपर मुख्य सचिव (एसीएस) अमित मोहन प्रसाद ने कर्मचारियों की वार्ता हुई। इसमें एसीएस ने कुछ मांगें मानने का आश्वासन दिया। इसके बाद सोमवार को सभी जिला मुख्यालय पर कर्मचारी कुछ देर के लिए धरने पर बैठे। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार दोपहर सभी जिलों के प्रतिनिधियोंसे बातचीत की गई। सभी की राय पर हड़ताल स्थगित कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश में चल रही एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल( Ambulance workers strike ) पर प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। 11 कर्मियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी गई है। प्रदेश में एएलएस एंबुलेंस सेवा के संचालन की जिम्मेदारी अब जीवीके ईएमआरआई से जिगित्सा कंपनी को दी गई है। आरोप है कि यह कंपनी पुराने कर्मियों को हटाकर नए लोगों को रख रही है। पहले वाली कंपनी से कम मानदेय दिया जा रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि पहले से कार्यरत लोगों को पुराने मानदेय पर ही नई कंपनी में भी जिम्मेदारी दी जाए। एएलएस एंबुलेंस कर्मियों के समर्थन में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12 बजे से हड़ताल शुरू कर दी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने मंगलवार को सभी जिलाधिकारी और सीएमओ को पत्र भेज कर पूरे हालात की जानकारी दी है। निर्देश दिया है कि102 और 108 एंबुलेंस सेवा ( Ambulance)के संचालन में बाधा डालने वालों से निपटने के सभी इंतजाम किए गए। जिला स्तर पर मैनपॉवर से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएं। एंबुलेंस सेवा के संचालन में किसी तरह की बाधा ना होने पाए। इस दौरान होने वाले व्यय भार को जीवीके ईएमआरआई एजेंसी उठाएगी।