असम-मिजोरम(Assam– Mizoram ) के बीच हाल ही में हुए हिंसक सीमा विवाद के बाद केंद्र सरकार ने उत्तर पूर्व के राज्यों के अंतरराज्यीय सीमा विवाद के निपटारे का फैसला किया है।इसके लिए सरकार उपग्रह से ली गई तस्वीरों की मदद लेगी। इन राज्यों के बीच अक्सर सीमा विवाद उठते रहते हैं। कई बार ये हिंसक रूप भी ले लेते हैं, जैसा कि हाल ही में असम व मिजोरम (Assam –Mizoram )के बीच हुआ था, जिसमें छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
केंद्र सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह काम नार्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एनईएसएसी) को सौंपा गया है। यह अंतरिक्ष विभाग व उत्तर पूर्वी परिषद का साझा उपक्रम है। एनईएसएसी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद से उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है।
अंतरराज्यीय सीमा विवाद हाल ही में असम व मिजोरम के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद फिर सुर्खियो में आया है। इसमें असम पुलिस के पांच जवान व एक नागरिक शहीद हो गया था। 26 जुलाई को हुए संघर्ष के दौरान मिजोरम पुलिस के जवानों ने असम पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इस संघर्ष में 50 अन्य लोग घायल हो गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि चूंकि सीमाओं के निर्धारण का यह वैज्ञानिक तरीका होगा, इसलिए इसे लेकर असहमति व विवाद की गुंजाइश नहीं होगी व राज्यों के बीच स्वीकार्य हल निकल सकेगा। उन्होंने कहा कि एक बार सैटेलाइट मैपिंग हो जाने के बाद उत्तर पूर्वी राज्यों की सीमाओं का निर्धारण किया जा सकेगा और विवाद का स्थाई समाधान हो जाएगा।
वहीं, केंद्र ने साफ किया है कि असम-मिजोरम ( Assam –Mizoram )सीमा पर हुई झड़पों की CBI जांच कराने की कोई योजना नहीं है। विवाद को बातचीत से शांति भरे माहौल में निपटाया जाएगा। सरकार के दो सीनियर अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहती है जिससे जमीनी स्थिति और खराब हो।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah)असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों (हिमंत बिस्वा सरमा, जोरमथांगा) से लगातार संपर्क में हैं। वहीं, जोरामथांगा ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत हमेशा एक रहेगा। असम (Assam)के हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) उनके भाई की तरह हैं और वे इस विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लेंगे।