Saturday, September 21, 2024

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चीन की सबसे बड़ी साजिश में लेफ्ट भागीदार था, भारत की राजनीति में घुसने के लिए वाम दलों को बनाया अपना दोस्त, विजय गोखले का खुलासा

Vijay Gokhale

Vijay Gokhaleपूर्व सचिव विजय गोखले ( former foreign secretary Vijay Gokhale ) ने अपनी नयी किताब में भारत के पड़ोसी देश के साथ संबधों को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। विजय गोखले ने अपनी किताब में  चीन () के बारे में खुलासा किया है कि चीन ने भारत की राजनीति में दखल देने के लिए भारतीय वाम दलों का सहारा लिया था।

पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले (Vijay Gokhale )की ओर से अपनी पुस्तक ‘द लॉन्ग गेम: हाउ द चाइनीज़ नेगोशिएट विद इंडिया’ ( The Long Game: How the Chinese Negotiate with India ) में लेफ्ट पार्टियों को लेकर किए गए दावे से विवाद छिड़ गया है। गोखले ने अपनी पुस्तक में दावा किया है कि 2007 और 2008 के बीच भारत-अमेरिका परमाणु सौदे के दौरान चीन ने भारत में लेफ़्ट पार्टियों के साथ ‘क़रीबी संबंधों’ का इस्तेमाल करके ‘घरेलू विपक्ष तैयार’ किया था।यह भारतीय घरेलू राजनीति में राजनीतिक रूप से संचालित करने के लिए चीन का पहला उदाहरण था। इस कदम का भारत की राजनीति और कूटनीति पर प्रभाव पड़ा।

गोखले (Vijay Gokhale )के इस दावे पर लेफ्ट पार्टियों ने हमला बोला है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता बिनॉय विस्वाम ने गोखले के दावे को मूर्खतापूर्ण और गैरजिम्मेदाराना करार दिया है।वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने गोखले के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वाम दलों ने भारत-अमेरिकी परमाणु करार का इसलिए विरोध किया था, क्योंकि यह देश की सामरिक स्वायत्तता व स्वतंत्र विदेश नीति से खिलवाड़ था। यह करार अमेरिका ने किया था और इसका मकसद भारत को सैन्य व सामरिक गठबंधन में शामिल करना था। इसका भारत की ऊर्जा सुरक्षा से असल में कोई लेना देना नहीं था। यह बात एक दशक बाद सच साबित हुई। इस समझौते के कारण देश में एक मेगावॉट भी परमाणु ऊर्जा उत्पादन नहीं बढ़ा। अलबत्ता भारत अमेरिका का रक्षा सहयोगी जरूर बन गया।

अपने 39 साल के राजनयिक करियर में, गोखले विदेश मंत्रालय की तरफ से चीन डेस्क पर सात साल और पूर्वी एशिया में सात साल बिताए हैं। उन्होंने चीन में भारत के राजदूत के रूप में काम किया है और उन्हें देश के शीर्ष चीन-दर्शकों में से एक माना जाता है। जनवरी 2018 में, उन्होंने विदेश सचिव के रूप में एस जयशंकर की जगह ली और पिछले साल सेवानिवृत्त हुए।

गोखले (Vijay Gokhale )की पुस्तक में छह विषयों को शामिल किया गया है, जिन पर भारत और चीन ने पिछले 75 वर्षों में बातचीत की – भारत की पीपुल्स रिपब्लिक चीन की मान्यता से लेकर तिब्बत तक, पोखरण, सिक्किम में परमाणु परीक्षण, भारत-अमेरिका परमाणु समझौता और मसूद अजहर की ‘वैश्विक’ के रूप में सूची संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकवाद शामिल है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels