पाकिस्तान ( Pakistan ) में एक बार फिर कट्टरपंथियों ने हिन्दू मंदिर (Hindu temple) को निशाना बनाया है। ताजा मामला पंजाब के भोंग शहर का है। दिनदहाड़े मजहबी उन्मादियों ने स्थानीय गणेश मंदिर को निशाना बनाया। मंदिर में तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफतौर पर नजर आ रहा है कि पाकिस्तान में किस कदर अल्पसंख्यकों को कुचला जा रहा है, उनकी धार्मिक आजादी की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
कट्टरपंथियों ने मंदिर (Hindu temple)को बुरी तरह तहस-नहस कर दिया। मूर्तियों को भी खंडित करने से नहीं हिचके। झूमर और कांच की सजावट को भी तोड़ डाला। मंदिर पर हुए इस हमले के बाद स्थानीय हिंदुओं में खासा रोष है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन मामले की लीपापोती करने में जुटा है। अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है। जबकि वीडियो में सभी हमलावरों के चेहरे साफ-साफ नजर आ रहे हैं।
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के नेता और हिंदू पंचायत के संरक्षक जय कुमार धीरानी ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘जिले के भोंग शरीफ में मंदिर (Hindu temple)पर हुए इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह हमला पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है। मैं अधिकारियों से दोषियों को सलाखों के पीछे डालने का अनुरोध करता हूं।’
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkwa province) में सौ से अधिक लोगों की भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी। घटना करक जिले के टेरी गांव की थी, जहां स्थानीय मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने मंदिर को नष्ट कर दिया था। इस मामले में कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता रहमत सलाम खट्टक समेत 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वे के मुताबिक बंटवारे के वक्त पड़ोसी देश में कुल 428 बड़े मंदिर (Hindu temple)थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। मंदिरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया। दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल्स, दफ्तर, सरकारी स्कूल या फिर मदरसे खोल दिए गए। आज आलम ये है कि यहां सिर्फ 20 बड़े मंदिर बचे हैं।
बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग 15 फीसदी थी। हुकूमत की दमनकारी नीतियों और कट्टरपंथियों के हमलों से यह आंकड़ा लगातार कम होता चला गया। जबरन धर्म परिवर्तन इसकी सबसे बड़ी वजह रही है। जो हिंदू बचे हैं उन्हें लगातार कट्टरपंथियों के हमले झेलने पड़ रहे हैं। आज स्थिति यह है कि यहां 3 फीसदी से भी कम हिंदू आबादी बची है।