उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के उन्नाव ( Unnao ) जिले में स्कूल का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां पर प्राधानाचार्य ने छात्रा को इसलिए स्कूल से निकाल दिया कि उसकी फीस जमा नहीं थी। दरअसल, पिता की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर वो तीन माह की फीस नहीं जमा कर पाया था।
फीस जमा न होने पर त्रैमासिक परीक्षा में बैठने से रोकने और बेइज्जत करने पर कक्षा 10 की छात्रा स्मृति अवस्थी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पिता की तहरीर पर पुलिस ने प्रधानाचार्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की है।
पोस्टमार्टम में जहर की आशंका पर बिसरा सुरक्षित किया गया है। आदर्श नगर निवासी सुशील कुमार अवस्थी की 15 वर्षीय बेटी स्मृति उन्नाव ( Unnao ) के एबीनगर स्थित इंटर कॉलेज में पढ़ती थी। गुरुवार दोपहर वह स्कूल से घर लौटी और बेहोश हो गई।आनन फानन वे लोग उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।
उन्नाव ( Unnao ) के जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।सदर कोतवाली अंतर्गत मोहल्ला आदर्श नगर निवासी सुशील कुमार अवस्थी ने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि वह मजदूर है। कोरोना काल की तीन माह की फीस नहीं दे पाया। फीस माफी का प्रार्थनापत्र लेकर गुरुवार को बेटी स्कूल पहुंची तो उसे प्रधानाचार्य सत्येंद्र शुक्ला ने बेइज्जत किया।
त्रैमासिक परीक्षा भी नहीं देने दी।छात्रा के लाख मिन्नतें करने पर भी जब भी वे नहीं माने साथी छात्र-छात्राओं के सामने बेइज्जत होने से वह काफी आहत हुई और रोते हुए घर पहुंची,और आहत होकर बेहोश हो गई,कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। कोतवाल अनिल सिंह ने परिवारीजनों के बयान दर्ज किए। सीओ कृपाशंकर ने कहा कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई है। छात्रा स्मृति मौत से घरवालों को रो-रोकर बुरा हाल है। कोतवाल अनिल सिंह ने बताया कि प्रार्थनापत्र मिला है। स्कूल जाकर पुलिस मामले की जांच कर रही है।