Friday, September 20, 2024

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Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक में बजरंग पूनिया के ब्रॉन्ज मेडल जीत से गदगद हुए  पिता बोले- कहा था न वह कभी खाली हाथ नहीं आता

Bajrang Punia wins bronze in Wrestling

 Bajrang Punia wins bronze in Wrestling (  )  में भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया  ( Bajrang Punia )ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। फ्री स्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में बजरंग ने कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया। इसके साथ ही बजरंग के घर में जश्न शुरू हो गया है।

बेटे की जीत से पिता बलवान पूनिया बेहद खुश हैं। उनके पांव जमीन पर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने बोला था कि मेरा बेटा कभी खाली हाथ नहीं आता। उसने मेरी लाज रख ली। मुझे मेरे बेटे पर बहुत गर्व है। उसने मेरा सीना चौड़ा कर दिया।

एक महीने पहले उसके घुटने में चोट लग गई थी, फिर भी वह सेमीफाइनल तक पहुंचा, लेकिन चोट की वजह से उस मैच में अटैकिंग नहीं खेल पाया। लेकिन ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए आज के मुकाबले में उसने पूरा जोर लगा दिया और विरोधी पहलवान को स्कोर करने का एक भी मौका नहीं दिया।

बजरंग पूनिया ( Bajrang Punia )किसी भी श्रेणी में दुनिया के नंबर 1 पहलवान बनने वाले पहले भारतीय हैं। इसके अलावा दो विश्व चैंपियनशिप पदक और प्रसिद्ध जर्मन लीग में कुश्ती करने वाले भी पहले भारतीय हैं। हरियाणा के झज्जर जिले के साधारण परिवार से आने वाले बजरंग पूनिया के पास शुरुआत में क्रिकेट और बैडमिंटन के सामान खरीदने के पैसे नहीं होते थे।

उस समय बच्चे कबड्डी और रेसलिंग में बहुत रुचि रखते थे और पूनिया के गांव में इसका प्रचलन था। हालांकि उनके पिता बलवान सिंह भी रेसलर थे और युवा बजरंग उनकी कुश्ती देखने के लिए स्कूल तक छोड़ देते थे। बजरंग ने कहा भी था कि मुझे नहीं पता कि कब कुश्ती मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गई।

बजरंग पूनिया ( Bajrang Punia )का जन्म 26 फरवरी 1994 को हरियाणा के झज्जर गांव में हुआ। इनके पिता का नाम बलवान सिंह पूनिया है। इनके पिता एक पेशेवर पहलवान हैं। इनकी माता का नाम ओम प्यारी है। इनके भाई का नाम हरिंदर पूनिया है। बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। बजरंग की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी हुई।

बजरंग ने 7 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की और उन्हें उनके पिता का बहुत सहयोग मिला। बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक से ग्रेजुएशन किया। पूनिया ने भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का भी काम किया।

बजरंग ने कुश्ती में भारत को दूसरा मेडल दिलाया है, उनसे पहले रवि दहिया ने फाइनल तक का सफर तय करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। बजरंग की इस ऐतिहासिक जीत के तुंरत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलवान को बधाई दी है।

मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘ टोक्यो 2020 से खुशखबरी। बजरंग पूनिया बेहद शानदार ढंग से लड़े। आपकी इस उपलब्धि के लिए आपको बधाई। इससे हर भारतीय को गर्व और खुशी होती है।’

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels