कुछ लोग समाज को एक दिशा देने के लिये बिना सुर्खियां मे आये चुपचाप ताउम्र मिशन जुटे रहते है ऐसे ही थे उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के एटा (Etah ) जिले के शिक्षाविद् डॉ. रामेश्वर दयाल उपाध्याय (Dr. Rameshwar Dayal Upadhyay) जिनकी आज पुण्यतिथि है । आज़ादी के बाद से ही अशिक्षा का अभिशाप झेल रहे एटा क्षेत्र के लोगों में शिक्षा की ज्योति प्रज्जवलित करने वाले शिक्षाविद् डॉ. रामेश्वर दयाल उपाध्याय का जन्म सन् 1931 में एटा जिले के ग्राम धुआई में हुआ था। आज उनकी आठवीं पुण्यतिथि पर उनके गृह जनपद में उनका स्मरण किया गया और उनको श्रद्धा-सुमन अर्पित किये गये।शिक्षा जगत में अवस्मरणीय महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ. रामेश्वर दयाल उपाध्याय का 13 अगस्त 2013 मेें निधन हो गया था, उनके पैतृक गांव धुआई में उनके नाम पर एक “स्मृति स्थल“ का निर्माण किया गया है।
जिस समय डॉ. उपाध्याय ने एटा (Etah ) जिले में शिक्षा की ज्योति जलाने का प्रण लिया था, समय यह उत्तर प्रदेश की ऐसी पिछड़ी जगह थी जहाॅं पर साक्षरता दूर-दूर तक नजर नहीं आती थी। डॉ. उपाध्याय ने क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिये कदम उठाये और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक बनाने के लिये अपने गांव से शुरूआत की। उन्होंने गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को साक्षर बनने के लिये प्रेरित करने का काम किया। सन् 1952 में उन्होंने एटा जिले के ही एक गांव के स्कूल में अध्यापन कार्य शुरू कर लोगों को शिक्षित करने की ठान ली।
एटा (Etah )जिले के जाने माने शिक्षाविद डॉ.रामेश्वर दयाल उपाध्याय (Dr. Rameshwar Dayal Upadhyay) की आठवीं पुण्य तिथि उनके पैतृक गांव ध्वाई स्थित समाधि स्थल पर मनाई गई ।इस अवसर पर उनके योगदान को याद करते हुये श्रद्धा सुमन अर्पित किये। स्व . श्री रामेश्वर दयाल प्रगतिशील (Dr. Rameshwar Dayal Upadhyay) सोच के चिंतक और आदर्श शिक्षक थे जीवन मे कड़े अनुशासन के पक्षधर ,वे शिक्षक संघ के नेता भी रहे । शिक्षक अधिकारों के संघर्ष में जेल यात्रा भी की थी । पुण्य तिथि के अवसर पर शिक्षाविद् को आज याद करते हुये श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये।
समाधि स्थल पर आयोजित श्रधांजलि सभा मे उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे ।शिक्षाविद् की धर्पत्नी श्रीमती सुशीला देवी उपाध्याय ने पुष्पमाला अर्पित की तदुपरांत राजू उपाध्याय , नूतन उपाध्याय ,विजय उपाध्याय , जवा उपाध्याय पीहू उपाध्याय, वान्या उपाध्याय , शिवनन्दन यादव आदि अनेको लोग व ग्रामीण जन मौजूद रहे।