प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day ) पर आठवीं बार लाल किले (Red Fort )पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन के साथ अपनी बात शुरू की। इस दौरान उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी याद किया। मोदी ने अपने 90 मिनट के भाषण में दो बड़े ऐलान किए। इनमें युवाओं को रोजगार देने वाली 100 लाख करोड़ रुपए की गति शक्ति योजना और बेटियों के लिए देश के सभी सैनिक स्कूल खोलने के ऐलान शामिल हैं।
आने वाले 25 वर्षों को ‘‘भारत के सृजन का अमृत काल’’ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने 100 लाख करोड़ रुपये की ‘‘गतिशक्ति योजना’’, देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘‘ग्रीन हायड्रोज़न मिशन’’ और अगले 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत रेल गाड़ियां चलाने के साथ ही सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले जाने की घोषणा की।
तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है। असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ़ देश की भक्ति है, तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो।’’
मोदी ने देश के दुश्मनों को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक कर दुश्मनों को नए भारत का संदेश दिया है। भारत बदल रहा है, भारत बदल सकता है, भारत कठिन से कठिन फैसले ले सकता है और इससे झिझकता नहीं है, रुकता नहीं।चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, “आज दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ( Prime Minister Narendra Modi )ने कहा, ‘आजादी को जन आंदोलन बनाने वाले बापू हों या सब कुछ न्यौछावर करने वाले नेताजी हों, भगत सिंह, आजाद, बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां, झांसी की लक्ष्मी बाई या चित्तूर की रानी कनम्मा हों, देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू हों, सरदार पटेल हों, दिशा देने वाले अंबेडकर हों.. देश हर व्यक्ति और व्यक्तित्व को याद कर रहा है। देश सभी का ऋणी है।’
मोदी ने कहा, ‘इस आयोजन में ओलिंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली युवा पीढ़ी एथलीट्स और हमारे खिलाड़ी मौजूद हैं। मैं देशवासियों को और हिंदुस्तान के कोने-कोने में मौजूद लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें।
भारत के खेलों का सम्मान, भारत की युवा पीढ़ी का सम्मान, भारत को गौरव दिलाने वाले युवाओं का सम्मान, करोड़ों देशवासी आज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ देश के जवानों का, युवा पीढ़ी का सम्मान कर रहे हैं। एथलीट्स पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने दिल ही नहीं जीता, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।’
मोदी ने कहा कि खेल से लेकर हर जगह बेटियां कमाल कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपनी जगह लेने के लिए आतुर हैं। सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक महिलाओं में सुरक्षा, सम्मान का भाव हो, इसके लिए शासन प्रशासन, पुलिस, नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। इस संकल्प को आजादी के 75 साल का संकल्प बनाना है। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया था। अब तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। ये पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। कल ही भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
जो लोग विभाजन के समय अमानवीय हालात से गुजरे, अत्याचार सहे, सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नसीब नहीं हुआ। उनका हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है। इस दिवस का तय होना, ऐसे लोगों को हर भारतवासी की तरफ से आदर पूर्वक श्रद्धांजलि है।’