कांग्रेस ( Congress)पार्टी को बड़ा झटका लगा है,पूर्व सांसद और महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देब (Sushmita Dev) ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) का दामन थाम लिया है। सुष्मिता देव सोमवार को टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हो गईं। इससे पहले 15 अगस्त को सुष्मिता ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा था। सुष्मिता अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं थीं।सुष्मिता देव का पार्टी से इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में सुष्मिता (Sushmita Dev) ने पार्टी छोड़ने के कारण का कोई जिक्र नहीं किया, हालांकि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही खुद को मिले मार्गदर्शन और सहयोग के लिए सोनिया गांधी और पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा था कि मैं आशा करती हूं जब मैं जनसेवा के अपने जीवन में नया अध्याय शुरू करने जा रही हूं तो आपकी शुभकामनाएं मेरे साथ होंगी।
दरअसल, सुष्मिता देव (Sushmita Dev) 2014 के लोकसभा चुनाव में असम की सिल्चर सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बनीं थीं। इसके बाद उन्हें ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का कार्यभार भी दिया गया था। लेकिन, असम विधानसभआ चुनाव में हार के बाद सुष्मिता देव का इस्तीफा कांग्रेस के लिए और भी मुसीबत बन गया है।
इस्तीफा देने से पहले सुष्मिता देव (Sushmita Dev) ने कांग्रेस पार्टी का वाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया था। वहीं उन्होंने ट्विटर से अपना बायो भी हटा लिया है। अब उन्होंने खुद को बायो में कांग्रेस पार्टी का पूर्व नेता बताया है। यह कदम सुष्मिता देव ने तब उठाया है, जब ट्विटर ने उनके अकाउंट को निलंबित कर दिया है। सुष्मिता भी उन नेताओं में से एक हैं, जिनका ट्विटर अकाउंट राहुल गांधी के साथ निलंबित किया गया है। सुष्मिता देब के पिता संतोष मोहन देव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और केंद्र में मंत्री भी रहे।

सुष्मिता देव के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में एक बार फिर बुजुर्ग बनाम युवा की सियासत शुरू हो गई है। एक तरफ युवा नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि पार्टी को इस पर मंथन करना होगा कि क्यों सुष्मिता देव जैसे युवा लोग उनको छोड़कर चले जा रहे हैं। वहीं कपित सिब्बल ने भी इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा है कि युवा नेता कांग्रेस को छोड़कर जा रहे हैं और आरोप पुराने बुजुर्ग नेताओं पर लगते हैं।