राजस्थान ( Rajasthan ) के हनुमानगढ़ (Hanumangarh )में नवनिर्मित शहीद स्मारक( Martyrs Memorial )का शहीद अशफाक उल्ला खान के पौत्र अशफाक उल्ला खान ने लोकार्पण किया। स्मारक में 375 क्रांतिकारी शहीदों के चित्र और प्रतिमाओं के साथ ही शहीद अशफाक उल्ला खां के घर की पाक मिट्टी भी रखी गई है।
स्मारक का निर्माण हनुमानगढ़ (Hanumangarh ) के एडवोकेट शंकर सोनी ने अपनी जमीन पर करवाया है, ताकि युवा और बच्चे क्रांतिकारी शहीदों की कुर्बानी को याद रख सकें। इस दौरान शाहजहांपुर से आए अशफाक उल्ला खां ने कहा कि अनगिनत कुर्बानियों के बाद देश को आजादी मिली लेकिन कई क्रांतिवीरों की शहादत को अभी भी नहीं नाम नहीं मिला। यह सरकार का दायित्व था कि इन शहीदों को पूरे देश में मान-सम्मान दिलाया जाए।
लोकार्पण अवसर पर शाहजहांपुर ( Shahjahanpur ) से आए अशफाक उल्ला खां ने कहा कि अनगिनत कुर्बानियों के बाद देश को आजादी मिली लेकिन कई क्रांतिवीरों की शहादत को अभी भी नहीं नाम नहीं मिला। यह सरकार का दायित्व था कि क्रांतिकारी शहीदों को पूरे देश में मान-सम्मान दिलाया जाए। ऐसे में यह शहीद स्मारक मील का पत्थर साबित होगा जिसमें क्रांतिकारियों की जीवनी और विचार यहां चित्र के माध्यम से दर्शाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान की दोस्ती ने हिंदू-मुस्लिम एकता का पैगाम दिया। एडवोकेट शंकर सोनी ने कहा कि देश में न केवल कई लोगों को भुनाया गया बल्कि हमारे शहीदों व क्रांतिकारियों को उग्रवादी कहकर अपमान किया गया। मेरी यह सदैव मांग रहती है कि भारतीय इतिहास बदलना चाहिए और दोबारा लिखना चाहिए। सभी शहीदों को क्रांतिकारी शहीद का दर्जा देना चाहिए।
एडवोकेट शंकर सोनी कहा कि हम निजी फायदे के लिए और परिवार के लिए खर्चा कर सकते हैं लेकिन शहीदों के नाम से कुछ नहीं कर सकते। ऐसे मे किसी एक को शुरूआत करनी थी ताकि लोगों में देश के प्रति सेवा का जज्बा कायम रहे।
कार्यक्रम में अतिथियों ने एडवोकेट शंकर सोनी की ओर से लॉकडाउन में लिखी गई पुस्तक गुमनाम क्रांतिवीर का विमोचन किया। शंकर सोनी ने कहा कि इसमें 2800 घटनाएं लिखी गई हैं जो सिर्फ क्रांति से ताल्लुक रखती हैं। यह किताब जिले के सभी सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी शिक्षण संस्थाओं में उपलब्ध करवाई जाएंगी।हनुमानगढ़ (Hanumangarh ) में टाउन में भद्रकाली रोड़ पर नवनिर्मित शहीद स्मारक अब आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं।