पंजाब (Punjab) सरकार को राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी ( Sumedh Singh Saini ) की गिरफ्तारी के मामले में बड़ा झटका लगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुमेध सिंह सैनी को रिहा करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले गिरफ्तारी में मामले में सुनवाई पूरी हो गई है और अभी हाई कोर्ट के देर रात फैसला सुनाया।
हाई कोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनाते हुए सैनी ( Sumedh Singh Saini ) की रिहाई के आदेश जारी किए। हाईकोर्ट ने माना कि सैनी की गिरफ्तारी हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। अभी आदेश की कॉपी जारी नहीं हुई है। जज ने केवल वीडियो कांफ्रेंस से ऑपरेटिंग पार्ट पढ़ कर सुनाया है। इसके बद मोहाली कोर्ट ने सैनी को रिलीव कर दिया। अदालत ने आर्डर में कहा कि सैनी के खिलाफ विजिलेंस ने जो एफआईआर नंबर -11 दर्ज की है उसमें जोड़े गए सेक्शन भी हटाए जाएं।
सैनी के वकील विनोद घई ने बताया कि हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी को राहत देते हुए उनके पूरे सेवा काल में दर्ज किसी भी मामले में कार्रवाई से पहले सात दिन का नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही लगातार पुलिस और विजिलेंस राजनीतिक प्रभाव के चलते उन्हें किसी न किसी मामले में फंसा कर गिरफ्तार करना चाह रहे थी। उधर, मोहाली जिला अदालत के आदेश पर विजिलेंस ने सुमेध सिंह सैनी ( Sumedh Singh Saini ) को गुरुवार रात दो बजे रिहा कर दिया है।
हाई कोर्ट का यह भी कहना था कि कि सैनी के खिलाफ विजिलेंस की ओर से दर्ज प्राथमिकी संख्या 11 और 13 में लगाए गए आरोप एक समान हैं और कार्रवाई के एक ही कारण के लिए दो प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती हैं। बुधवार रात को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। यह पहली बार है कि हाई कोर्ट में किसी मामले में इतनी लंबी सुनवाई चली हो। सुबह 10 बजे से शुरू हुई सुनवाई तीन हिस्सों में रात 11.45 बजे तक चली।
सैनी को विजिलेंस ने बुधवार को उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर जांच में सहयोग करने विजिलेंस आफिस पहुंचे थे। विजिलेंस की टीम रिमांड हासिल करने के लिए वीरवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सैनी को मोहाली की कोर्ट में लेकर पहुंची। परंतु इससे पहले ही सैनी ने अपने वकील के माध्यम से इस गिरफ्तारी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगा दी थी। सैनी ने याचिका में कहा कि उनके मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई 24 नवंबर को है, लेकिन वर्तमान हालत को देखते हुए उसके केस को जल्द सुना जाए। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
इसी बीच आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ने एक एफआईआर दर्ज की। इस मामले में सैनी को अंतरिम जमानत मिल गई थी। सैनी को जांच में शामिल होने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था। इसी मामले की जांच में शामिल होने के लिए सैनी विजिलेंस दफ्तर में गए तो उन्हें बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब सरकार से सैनी के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी मांगी गई थी तो क्यों नहीं दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने सैनी को छोड़े जाने के आदेश दे दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायधीश के आदेश के चलते सैनी की याचिका पर नवंबर में सुनवाई तय की गई थी। कोरोना के प्रकोप के चलते लिए गए निर्णय की स्थिति में मामला चाहे आपराधिक हो या सिविल सभी पक्षों को यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए। यदि कोई कार्रवाई आवश्यक हो तो इसके लिए पहले न्यायालय की इजाजत ली जानी चाहिए।