अजमेर ( Ajmer ) में सूफी संत ख़्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ( Syed Zainul Abedin ) ने कहा है कि तालिबान ( Taliban) शरीयत के नाम पर आतंक कर इस्लाम को बदनाम कर रहा है। तालिबान की आतंकी और तानाशाही हरकतों से दुनिया में इस्लाम के प्रति दुर्भावना फैलाई जा रही है।
शनिवार को अजमेर ( Ajmer ) में पत्रकारों से आबेदीन ( Syed Zainul Abedin ) ने कहा कि अफगानिस्तान क्रूर तालिबान शासकों के हाथ आ गया है। इसके साथ ही इस देश में भारी तबाही, औरतों पर बंदिशें और मामूली अपराधियों को अंग-भंग कर देने का शासन शुरू हो गया। शरीयत के कानून के नाम पर यह सब करना इस्लाम में अपराध है। इसका समर्थन नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश अफगानिस्तान ( Afghanistan ) में क्या चल रहा है, यह हम सभी के लिए एक सबक है। धन, प्रसिद्धि, राजनीतिक शक्ति का आपके जीवन में कोई मोल नहीं है। यदि राष्ट्र है, तो हम हैं। हमारा राष्ट्र सुरक्षित है, तो हम सुरक्षित हैं। इसलिए हमें राष्ट्र हित को हमेशा ऊपर रखना चाहिए। हमारा पहला कर्तव्य हमारे देश को बचाना, देश में एकता और अमन कायम रखना होना चाहिए। बाद में हमें अपने बारे में सोचना चाहिए।
आबेदीन ( Syed Zainul Abedin ) ने कहा कि अफगानिस्तान पहले से ही इस्लामी गणतंत्र है और वहां शरिया कानून पहले से ही पिछली सरकारों द्वारा चलाया जा रहा था। तालिबान अपने देश में शरिया कानून के बारे में बात कर रहा है। उन्होंने शरिया कानून की व्याख्या अपने एजेंडे के अनुसार आतंकवाद बढ़ाने के लिए की है। शरीयत ने आम नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और निर्दोष लोगों को मारने की अनुमति कभी नहीं दी। विश्व समुदाय को इसके बारे में पता होना चाहिए कि तालिबान जिस शरिया के बारे में बात कर रहा है, वह उनके द्वारा अपनी आतंकी सोच की व्याख्या के अनुसार है।

दीवान ने कहा कि वे उन लोगों की कड़ी निंदा करते हैं, जो तालिबान की अवैध सत्ता की और उनकी आतंकी विचारधारा का समर्थन और स्वागत करते हैं। भारत का मुसलमान एक अमन पसंद नागरिक होने के नाते तालिबान की किसी भी तरह की विचारधारा का समर्थन और स्वागत नहीं करता है, क्योंकि तालिबान की विचारधारा इस्लाम की बुनियादी शिक्षा के खिलाफ है।