पंजाब (Punjab) के बठिंडा ( Bathinda )की रहने वाली 25 साल की नेहा ने जयपुर ( Jaipur ) में दीक्षा ले ली। अब नेहा जैन साध्वी( Jain ascetic )शुभांगी के रूप में पहचानी जाएगी। सोमवार को जयपुर के ज्योति नगर स्थित वर्धमान भवन में दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें जैन धर्म के अनुयायी और नेहा के परिजन मौजूद रहे। इस दौरान नेहा का वरघोड़ा निकाला गया। बड़ी संख्या में जैन मुनि भी शामिल हुए।
वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप भंडारी ने बताया नेहा का जन्म 1996 में बठिंडा ( Bathinda )में हुआ। उन्होंने विवाह नहीं करने और संत मार्ग पर चलने का संकल्प लिया था। वे वर्ष 2019 से ही वैराग्य अपनाकर 2150 किमी का पैदल विहार कर चुकी हैं। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा रखे गए आयोजन में श्रमण संघीय आचार्य डॉक्टर शिव मुनि महाराज साहब के मुखारबिंद से जैन साध्वी( Jain ascetic ) की दीक्षा ग्रहण की।
दीक्षा महोत्सव की पूर्व संध्या पर नेहा ने पंजाब से आए माता-पिता जसविंदर कौर और मनदरसिंह व परिजनों के साथ धर्म चर्चा की।नेहा ने जैन संत तपस्विनी संतोष महाराज के दर्शन के बाद जैन धर्म की शिक्षा लेने की इच्छा जताई थी। मुमुक्षु नेहा संतों के वेश परिवर्तन के साथ ही धर्म के मार्ग पर अग्रसर हो जाएंगी।अब वह साध्वी शुभांगी ( Jain ascetic )के रूप में पहचानी जाएगी।
तपस्या पूर्ण होने पर सोमवार को तपस्वी का वरघोड़ा निकाला। वरघोड़े में सुसज्जित बग्घी में तपस्विनी बैठी हुई थी। जगह-जगह समाजजनों ने तपस्वी का बहुमान कर तप की इससे पहले साढ़े 7 बजे धर्म के माता-पिता हीना और अमित हीरावत व लाभार्थी परिवार के बसंत हीरावत की मौजूदगी में शोभायात्रा 44 सत्य विहार से शुरू होकर विधानसभा के मुख्यद्वार से होते हुए वर्धमान भवन पहुंची। इसके बाद झंडारोहण के बाद वृहद थाल और सम्मान समारोह, संतों के प्रवचनों का लाभ श्रावक-श्राविकाएं ने लिया।