सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) के गेट पर बलात्कार पीड़िता एवं इस केस के गवाह द्वारा खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने वाले दोंनो की जान चली गयी है ।सुप्रीम कोर्ट के दर पर पीड़ित और गवाह के इस आत्मदाह ने सवाल छोड़ दिये है जिनका जबाब शायद ही मिल पायेगा । युवक की 21 अगस्त को मौत हो गई थी।
यूपी के घोसी ( मऊ ) के सांसद अतुल राय ( Atul Rai ) पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़िता की मंगलवार की सुबह दिल्ली में मौत हो गई। पुलिस और प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए रेप पीडिता ने अपने एक साथी के साथ 16 अगस्त की सुबह सुप्रीम कोर्ट के सामने आग लगा ली थी। शनिवार को उसके साथी ने दम तोड़ दिया था। डॉक्टरों के अनुसार पीड़िता को बचाने की बहुत कोशिश हुई लेकिन सेप्टीसीमिया होने के कारण उसकी हालत बिगड़ती चली गई थी। मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे के आसपास उसकी मौत हो गई।
बलिया ( Ballia) की रहने वाली पीड़िता ने दो साल पहले लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ रेप का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने अतुल राय पर शिकंजा कसा को पहले भूमिगत हो गए। चुनाव में जीत हासिल करते ही सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से नैनी जेल में हैं।
युवती के साथ आग लगाने वाला सत्यम ही इस मामले में मुख्य गवाह था। पीड़ित और उसके साथी ने आग लगाने से पहले वीडियो LIVE किया था। इसमें दोनों ने कहा था कि वे सरकारी तंत्र से प्रताड़ित होने के बाद बुरी तरह से निराश हो चुके हैं। सांसद अतुल राय ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए उन्हें खूब प्रताड़ित किया। पुलिस और जजों की मिलीभगत से उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से वह और उसके साथ हुई घटना का गवाह आत्मदाह के लिए मजबूर हुए हैं।
वीडियो में पीड़ित के दोस्त ने कहा था, “उन लोगों ने पैसों का प्रलोभन छोड़कर भूखे-प्यासे रहकर अतुल राय के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखी थी, ताकि कानून और पुलिस व्यवस्था में लोगों का भरोसा बढ़े। अब हम लोग एक नेक्सस में फंस गए हैं। हम लोगों के पास भी अगर राजनीतिक आश्रय होता, तो शायद हमें इस कदर परेशान नहीं होना पड़ता।”
सोशल मीडिया ( Social Media ) पर लाइव वीडियो बनाते समय दोनों ने कहा था कि अतुल राय के इशारे पर वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय और उसका बेटा समेत कुछ जज उनके पीछे पड़े हुए हैं। सभी की मिलीभगत से दोनों पर फर्जी प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। पीड़ित के साथ न्याय की बजाय उसे चरित्रहीन साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पुलिस और अदालत के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय से भी उन्हें मदद नहीं मिल पाई।पीड़िता के खिलाफ एक मुकदमे को लेकर वाराणसी की एक अदालत ने 2 अगस्त 2021 को गैर जमानती वारंट जारी किया था।
सांसद अतुल राय ( Atul Rai )ने भी पीड़िता पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया और पीड़िता के साथ ही रेप मामले में गवाह गाजीपुर के सत्यम राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। दोनों की गिरफ्तारी के लिए इसी महीने 2 अगस्त को वारंट भी जारी हो गया। इससे आक्रोशित पीड़िता ने सत्यम राय के साथ फेसबुक लाइव कर बनारस के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक समेत कई अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाए। मौत को गले गलाने का बात भी कही लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। इस बीच 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट( Supreme Court) के सामने पहुंचे और फेसबुक लाइव करते हुए पेट्रोल छीड़ककर आग लगा ली। गंभीर हालत में दोनों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शनिवार को सत्यम ने दम तोड़ दिया। मंगलवार की सुबह पीड़िता की भी जान चली गई।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) के सामने आत्मदाह की घटना के बाद हरकत में आई यूपी सरकार ने वाराणसी (Varanasi) के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को उसी दिन गाज़ियाबाद डीआईजी के पद से हटा दिया। वाराणसी कैंट के एसओ और मामले की विवेचना कर रहे दरोगा को भी निलंबित कर दिया गया। रेप के मामले की जांच के लिए एसआईटी भी बना दी गई है। इसमें डीजी और एडीजी स्तर के अधिकारियों को रखा गया है। दो हफ्ते में इनकी जांच रिपोर्ट आनी है।