Sunday, April 20, 2025

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Maharashtra: अमरावती में सूचना के अधिकार के तहत मदरसों के फंड जानकारी मांगने पर पत्रकार को किया जिला बदर,सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया आदेश

Supreme Court dismisses plea to make Sanskrit national language

 Amravati , Supreme Court  ( के  ( ) में मदरसों में गड़बड़ी उजागर करने के लिये   ) रहमत खान को सूचना के अधिकार में सूचनायें मांगना महंगा पड़ गया, प्रशासन ने उसको जिला बदर कर दिया जिसके खिलाफ उसे सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगानी पड़ी। ( )  ने पत्रकार को जिला बदर करने के आदेश को रद्द कर दिया है ,सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति को देश में कहीं भी रहने या स्वतंत्र रूप से घूमने के उसके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। बेंच ने इसके साथ ही महाराष्ट्र के अमरावती में जिला अधिकारियों की ओर से एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ जारी जिला बदर के आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केवल असाधारण मामलों में आवाजाही पर कड़ी रोक लगानी चाहिए।

अमरावती( Amravati ) जोन-1 के डिप्टी कमिश्नर ने महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 56 (1)(a)(b) के तहत पत्रकार रहमत खान ( journalist Rahmat Khan ) को शहर में आवाजाही पर रोक लगा दी थी। दरअसल, रहमत ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एप्लिकेशन दाखिल कर अलग-अलग मदरसों को फंड के बंटवारे में कथित गड़बड़ियों के बारे में जानकारी मांगी थी। इनमें जोहा एजुकेशन एंड चैरिटेबल वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से संचालित अल हरम इंटरनेशनल इंग्लिश स्कूल और मद्रासी बाबा एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित प्रियदर्शिनी उर्दू प्राइमरी और प्री-सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं।

रहमत खान का कहना था कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग को समाप्त करने के लिए कदम उठाया। अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। याचिकाकर्ता रहमत ने कहा कि 13 अक्टूबर, 2017 को मैंने इस मिलीभगत और सरकारी ग्रांट्स के कथित दुरुपयोग की जांच करने की अपील की थी। इसके बाद प्रभावित व्यक्तियों ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

अमरावती ( Amravati )के गाडगे नगर डिवीजन के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर ने रहमत खान को 3 अप्रैल 2018 को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसमें महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 56(1)(a) (b) के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की सूचना दी गई थी। अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 56 से 59 का उद्देश्य अराजकता को रोकना और समाज में अराजक तत्वों से निपटना है, जिन्हें ज्यूडिशियल ट्रायल के बाद दंडात्मक कार्रवाई के स्थापित तरीकों से दंडित नहीं किया जा सकता।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels