उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मिर्जापुर ( Mirzapur) जिले में युवा अधिवक्ता आशीष पाठक ने अज्ञात कारणों से घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । परिवार के सदस्य दरवाजा तोड़ उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले गए। जहां परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मिर्जापुर( Mirzapur) के कटरा कोतवाली क्षेत्र के शिवपुरी कॉलोनी निवासी आशीष पाठक उर्फ मोनू(35) पुत्र चतुर्भुज पाठक पेशे से अधिवक्ता हैं, साथ ही वो होटल भी चलाते हैं। दो भाइयों में छोटे आशीष के दो पुत्र हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, आशीष काफी दिनों से अवसाद में चल रहे थे। शनिवार की सुबह सोकर उठने के बाद वो चाय पीकर बाथरूम गए। करीब आधे घंटे बाद जब उनके पिता लघु शंका के लिए बाथरूम में गए तो दरवाजा अंदर से बंद था।
इस दौरान उन्होंने दरवाजा खटखटाया और पूछा अंदर कौन है? इस पर आशीष की मां ने वहां पहुंचकर बताया कि आशीष काफी देर पहले बाथरूम गया था। घंटे भर बाद भी आशीष के बाहर न निकलने से परिवार के सदस्य चिंतित हो गए कि आखिर वह बोल भी नहीं रहा कहीं बेहोश आदि तो नहीं न हो गया। इस उठा पटक के बीच दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर आशीष की लाश बाथरूम में लगे लोहे की पाइप से लटकी दिखी।
परिवार के सदस्य आनन-फानन आशीष को उपचार के लिए अस्पताल ले गए। जहां परीक्षण के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।मौत की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक को दो बच्चे हैं। परिजनों ने बताया कि वह कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। लेकिन किस कारणवश फांसी लगाकर जान दी? इसकी कोई जानकारी नहीं है।