Friday, September 20, 2024

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‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी – युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है, वो नए रास्ते बनाना चाहता है

 PM Narendra Modi

  रविवार यानी आज सुबह 11 बजे से अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम  (  ) के जरिये देशवासियों को संबोधित किया।  उन्होंने कहा कि इस बार    ने प्रभाव पैदा किया है। हर परिवार में खेल की चर्चा शुरू हुई, इसे रुकने नहीं देना चाहिए। साथ ही कहा कि युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है, वो नए रास्ते बनाना चाहता है।

प्रधानमंत्री का कहना है कि आज की जयंती है। मैं सोच रहा था कि ध्यानचंद जी की आत्मा जहां होगी प्रसन्न होगी। दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद की हॉकी ने किया था। 4 दशक बाद भारत के बेटे और बेटियों ने हॉकी में जान भर दी। कितने ही मेडल मिल जाएं, हॉकी का मेडल मिलने के बाद ही भारतीय आनंद लेता है। इस बार पदक मिला। ध्यानचंद जी का जीवन खेल को समर्पित था, उनकी आत्मा प्रसन्न होगी।

ने कहा है कि आज का युवा अलग करना चाहता है। वो बने बनाए रास्ते पर नहीं चलना चाहता है, नए रास्तों पर चलना चाहता है। उसकी मंजिल, राह और चाह नई है। कुछ समय पहले ही भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को ओपन किया और युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया।नौजवान आगे गए और मुझे भरोसा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे सैटेलाइट की होगी, जिन पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लैब में युवाओं ने काम किया होगा।

प्रधानमंत्री (  ने कहा कि इस बार ओलिंपिक(  ) ने प्रभाव पैदा किया। अभी पैरालिंपिक्स चल रहा है। जो हुआ वो विश्वास पैदा करने के लिए बहुत है। युवा ईकोसिस्टम को देख रहा है, समझ रहा है, परंपरागत चीजों से निकल रहा है। हर परिवार में खेल की चर्चा शुरू हुई है। इसे रुकने नहीं देना चाहिए। अब देश में खेल, खेल भावना रुकनी नहीं है। इसे पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्र जीवन में स्थाई करना है और निरंतर नई ऊर्जा से भरना है। गांव, शहर में खेल के मैदान भरे होने चाहिए। सबके प्रयास से ही भारत खेलों में वो ऊंचाई हासिल करेगा जिसका वो हकदार है। मेजर ध्यानचंद जी ने जो राह दिखाई है, उसमें आगे बढ़ना हमारी जिम्मेदारी है। खेलों के प्रति परिवार, समाज और राष्ट्र जुट रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ( PM  Modi ने कहा कि कल जन्माष्टमी का महापर्व है। कृष्ण के जन्म का पर्व। नटखट कन्हैया से लेकर विराट रूप तक, शास्त्र से शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण को हम जानते हैं। इस महीने की 20 तारीख को सोमनाथ मंदिर से जुड़े कामों का लोकार्पण किया गया। इसके पास एक तीर्थ है, जहां कृष्ण ने अपने जीवन का अंतिम समय बिताया। मेरे आवास के बाहर कोई एक किताब छोड़कर गया था, जिसमें कृष्ण की अभूतपूर्व तस्वीरें थीं। मैंने इस किताब को देने वाले से मिलने का मन किया। मेरी मुलाकात अमेरिकी जेदुरानी दासी से हुई जो इस्कॉन से जुड़ी हैं। सवाल ये था कि जिनका जन्म अमेरिका में हुआ, जो भारतीय भावों से इतना दूर रहीं वो कृष्ण के इतने मोहक चित्र कैसे बना लेती है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘जदुरानी जी से मैंने पूछा आपके लिए भारत क्या मायने रखता है। उन्होंने कहा- भारत मेरे लिए सब कुछ है। मैंने कुछ दिन पहले राष्ट्रपति से कहा था कि भारत तकनीक में आगे बढ़ रहा है, भारत का ये गौरव नहीं है। इसका गौरव ये है कि कृष्ण यहां हुए, शिव और राम हुए। सभी पवित्र नदियां यहां हैं, वैष्णव संस्कृति यहां है, वृंदावन यहां है और इसलिए मुझे भारत से प्यार है।’

मोदी ने संस्कृत पर जोर देते हुए कहा कि आयरलैंड के एडवर्ड संस्कृत के शिक्षक हैं और बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं, डॉक्टर चिरापद और डॉक्टर सुषमा थाईलैंड में संस्कृत भाषा का प्रचार कर रहे हैं। रशिया में श्रीमान बोरिस मॉस्को में संस्कृत पढ़ाते हैं और कई किताबों का अनुवाद किया है। सिडनी संस्कृत स्कूल में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है। इन प्रयासों से संस्कृत को लेकर जागरूकता आई है। नई पीढ़ी को विरासत सौंपना हमारा कर्तव्य है और भा‌वी पीढ़ियों का ये हक भी है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels