उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के बलिया ( Ballia) जिले में एसटीएफ ने शुक्रवार को कोतवाली क्षेत्र के नींबू कबीरपुर मंदिर तिराहा के समीप सीधी मुठभेड़ में एक लाख के इनामी हरीश पासवान को मार गिराया। उसका साथी भागने में सफल रहा। हरीश बलिया में दो माह पूर्व हुए जलेश्वर सिंह हत्याकांड में वांछित था। उस पर 33 मुकदमे दर्ज थे। एक दिन पहले ही एडीजी जोन ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया था।
बलिया ( Ballia) जिले में सटीक सूचना के आधार पर लखनऊ-गोरखपुर एसटीएफ के डिप्टी एसपी डीके शाही की टीम शुक्रवार को रसड़ा से ही बाइक पर पीछे बैठे हल्दी थाने के बाबूबेल निवासी हरीश पासवान (38) का पीछा कर रही थी। नींबू काली मंदिर तिराहा पर बदमाशों को रुकने का इशारा करने पर वे फायरिंग करते हुए बनौली-सड़ौली मार्ग पर भागने लगे।
पीछे बैठा हरीश बाइक से कूद कर पिस्टल और रिवाल्वर से फायरिंग करने लगा। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में गोली सिर में लगने सेहरीश गिर पड़ा जबकि दूसरा बदमाश भाग निकला। घटना स्थल से एक रिवाल्वर एवं पिस्टल बरामद हुुई।
सूचना मिलते ही रसड़ा पुलिस मौके पर पहुंच गई। घायल को पहले सीएचसी रसड़ा, वहां से जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था किंतु उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। एसटीएफ के डिप्टी एसपी डीके साही ने बताया कि हरीश पासवान कुख्यात अपराधी व सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का प्रमुख शूटर था। ये नए अपराधी बनाता था। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, बिहार एवं झारखंड में अपराध को अंजाम देता था। इस पर 33 आपराधिक मामले दर्ज थे। हरीश पासवान के खिलाफ बैरिया पुलिस ने सात जुलाई 2021 को जिपं के पूर्व सदस्य जलेश्वर सिंह की हत्या में मुकदमा दर्ज किया था।
मुठभेड़ के बाद बलिया ( Ballia) जिले मेंएसपी राजकरन नय्यर ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने बताया कि जनपद पुलिस व स्वाट टीम हरीश की तलाश कर रही थी। पांच प्रांतों में संगीन मामले होने से एसटीएफ भी लगी थी। बैरिया में पूर्व जिला पंचायत सदस्य जलेश्वर सिंह हत्याकांड और 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने में भी वह आरोपी था।
एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात हरीश पासवान पर हत्या के सात, हत्या के प्रयास के पांच, लूट व डकैती के पांच मामले सहित कुल 32 मुकदमे उत्तर प्रदेश, बिहार, झाड़खंड व छत्तीसगढ़ में दर्ज है। आरोप है कि बिहार के एक जनप्रतिनिधि के पति के संरक्षण में काफी दिनों से हरीश पासवान का जनपद ही नहीं पश्चिमी बिहार, छत्तीसगढ़ और झाड़खंड के बोकारो जनपद में भी आतंक था। बता दें कि 33 मामले तो पुलिस के रिकार्ड में दर्ज है।