उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में फिरोजाबाद ( Firozabad ) जिले में तेज बुखार से बच्चे बुरी तरह तप रहे है, 63 बच्चों समेत जिले में 84 लोंगो की मौत हो चुकी है ।निजी एंव सरकारी अस्पताल मरीजों से फुल है इलाज कराने के लिये लोग इधर उधर दौड़ लगा रहे है ।आकड़ों के बाजीगर हालातों पर नियंत्रण करने की बजाय सही तथ्यों को छिपाने पर लगे हुये है ।
शनिवार को पांच लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इनमें कांग्रेस (इंटक) के पूर्व जिलाध्यक्ष युनूस अब्बास भी शामिल हैं। जिले में अब बुखार और डेंगू से दम तोड़ने वालों की संख्या 84 हो गई है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थित सौ शैय्या अस्पताल में 400 से अधिक बीमार बच्चे भर्ती हैं। शहर के निजी अस्पताल भी फुल हो चुके हैं।लगातार मौतों और प्रशासनिक लापरवाही के चलते फिरोजाबाद के लोग बेबस है। स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। साफ-सफाई की स्थिति भी बिगड़ी हुई है।
तेज बुखार से पीड़ित बच्चों की प्लेटलेट्स तेजी से कमी आ रही है। बुखार चढ़ने के तीन दिन गुजरने के साथ ही बच्चे गंभीरवस्था में पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य बिगड़ने पर तीमारदार बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए दौड़ रहे हैं।
फिरोजाबाद ( Firozabad ) जिले में अधिकांश निजी अस्पताल भी फुल हो चुके हैं। ऐसे में निजी अस्पतालों से बच्चे अब सरकारी अस्पताल में रेफर किए जा रहे हैं। शुक्रवार को सौ शैया अस्पताल में मरीजों की संख्या और बढ़ गई। दोपहर तक वार्डों में 400 बच्चे भर्ती थे। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पलंग की व्यवस्था वार्डों में की गई।

वायरल बुखार तमाम कोशिशों के बाद भी बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में चार दिनों में भर्ती होने वालों की संख्या दो गुनी हो गई है। वार्ड में करीब 400 मरीज भर्ती हैं। इसमें 120 से ज्यादा मरीज शुक्रवार को ही भर्ती किए गए। जिनकी हालत में सुधार आया, उनको चिकित्सकों ने दवा देकर घर जाने को कह दिया।
लगातार बढ़ रही बाल रोगियों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। संसाधन की कमी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज ने वार्डों में ही अतिरिक्त पलंग डाल दिए। इधर, वार्डों में मरीजों की संख्या कम होने से स्टाफ पर भी काम का लोड बढ़ गया है। यही हाल, मेडिसन वार्ड का है। जहां 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भर्ती किया जा रहा है।
हालात यह है कि मरीज को जहां जगह मिल रही है, वह इलाज के लिए वहीं भर्ती हो रहा है। मेडिसन विभाग के वार्ड नंबर चार में टूटे पलंग पर भी मरीज भर्ती हुए। इधर, चिकित्सक भी कई बार वार्डों में राउंड ले रहे हैं। मरीज को आराम मिलते ही दवा देकर वार्ड से छुट्टी कर रहे हैं। ताकि गंभीरवस्था में आने वाले मरीजों को वार्ड में भर्ती किया जा सके।
सौ शैया अस्पताल के सामने नवनिर्मित बिल्डिंग में वार्ड को शाम तक तैयार किया जाता रहा। आने वाले दिनों में बढ़ती मरीजों की संख्या को देखकर स्वास्थ्य विभाग उसमें मरीजों को भर्ती करने की तैयारी करने में जुटा हुआ है।
शासन ने शनिवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार को फीरोजाबाद भेजा। प्रमुख सचिव सुबह 11 बजे डा. प्रसाद सौ शैय्या अस्पताल पहुंचे और तीनों मंजिलों पर भर्ती तीन सौ से अधिक बच्चों में से चार दर्जन बच्चों और उनके तीमारदारों से बात की।
उन्होंने फिरोजाबाद ( Firozabad ) मेडिकल कालेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा को 200 बेड डलवाए जाने की हिदायत दी। प्रमुख सचिव सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र हिमायूंपुर पहुचे। प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि पहले अपने स्तर से उपचार करे।
प्रमुख सचिव आलोक कुमार राजकीय मेडिकल कॉलेज में निरीक्षण करने पहुंचे तो तीमारदारों को प्रवेश नहीं दिया गया। निरीक्षण के समय तीमारदार अपने बच्चों के पास जाने की गुहार लगाते रहे लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। बिहारी नगर निवासी संगीता सौ शैय्या वार्ड में भर्ती बेटी के पास जाने के लिए गुहार लगाती रही तो अनीता निवासी बरी का नगला को भी प्रवेश नहीं मिल सका। निरीक्षण के बाद तीमारदारों को प्रवेश दिया गया।
मोहल्ला भगवान नगर निवासी काव्या (4) पुत्री संतोष शंखवार की शनिवार को निजी अस्पताल में मौत हो गई। वह विगत छह दिन से बुखार से पीड़ित थी। जूता वाली गली माधवगंज निवासी वीर (11) पुत्र सौरभ ने आगरा के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसकी रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई थी। अलसुबह मौत के बाद परिजन वीर के शव को आगरा से फिरोजाबाद लेकर पहुंचे।
पांच माह के दीपांशु पुत्र इंद्रपाल निवासी द्वारिकापुरी ने मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। वह विगत पांच दिन से बुखार से पीड़ित था। करबला गली नंबर 5/2 निवासी राजेश (21) पुत्र छोटेलाल की भी शनिवार को मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि राजेश को वे लोग उपचार के लिए सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे थे लेकिन चिकित्सक ने भर्ती से मना कर दवा देकर घर भेज दिया।
शुक्रवार देर शाम इंटक के पूर्व जिलाध्यक्ष यूनुस अब्बास की मौत आगरा के निजी अस्पताल में हो गई। वह विगत कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। वह फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में भी दो दिन भर्ती रहे थे। गंभीर हालत में शनिवार सुबह उन्हें आगरा रेफर किया गया था।
More beds being added at Autonomous State Medical College in Firozabad as number of patients increased
400 patients admitted in (100 beds) hospital. We’ve added 100 more beds to tackle the situation. Will add more beds in coming days:Dr Alok Kumar, Acting CMS (03.09)#Dengue pic.twitter.com/KYhAYOiFbv
— ANI UP (@ANINewsUP) September 4, 2021
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