Friday, September 20, 2024

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Madhya Pradesh : चिकित्सा जगत में पितामह कहे जाने वाले डॉ. एनपी मिश्रा का निधन,भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के इलाज की संभाली थी कमान

Eminent doctor Dr. NP Mishra passed away in Bhopal

 (  ) में चिकित्सा जगत में पितामह से पहचाने जाने वाले डॉ. एनपी मिश्रा( Dr. N P Mishra )का रविवार सुबह   ) में निधन हो गया। भदभदा विश्राम घाट पर शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।

90 वर्षीय डॉ. एनपी मिश्रा ने निधन से एक दिन पहले शनिवार रात 9 बजे तक घर पर स्थित क्लीनिक में मरीजों को देखा था। उन्होंने कई डॉक्टरों को सिखाया। भोपाल गैस त्रासदी में डॉ. मिश्रा ने हमीदिया अस्पताल में मरीजों के लिए इलाज के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया था।उनके निधन से पूरे चिकित्सा क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। निधन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में डॉक्टरों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।

भोपाल गैस त्रासदी के समय डॉ.एनपी मिश्रा ( Dr. N P Mishra )ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया था। उन्होंने कम समय में ऐसी व्यवस्था जमाई कि 10 हजार 7 सौ पीड़ितों का हमीदिया में इलाज संभव हो सका था। रात दिन काम करके राहत पहुंचाई थी।चिकित्सकों को भी यह जानकारी नहीं थी कि घातक मिथाइल आइसासाइनाइड गैस के दुष्‍प्रभाव इलाज कैसे करना है। तब उन्होंने अमेरिका और दूसरे देश के डॉक्टरों से बात कर गैस के बारे में इलाज पूछा था। वह लगातार 2 से 3 दिन तक बिना सोए वह मरीजों के इलाज में जुटे रहे। उस समय वह जीएमसी में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर थे। डॉ मिश्रा की खासियत यह थी कि वह 90 साल की उम्र में भी शोध और चिकित्सा क्षेत्र में आ रही अद्यतन जानकारियों से रूबरू रहते थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. मिश्रा ( Dr. N P Mishra )के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को यह अघात सहने की शक्ति दे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग डॉ. मिश्रा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उन्होंने कहा, डॉ. मिश्रा का जाना मेर लिए व्यक्तिगत क्षति है।

डॉ. एनपी मिश्रा गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन रहे हैं। उन्होंनेएमबीबीएस की पढ़ाई भी गांधी मेडिकल कॉलेज से की थी। फिर कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी बने। यूनाइटेड डॉक्टर फेडरेशन के महासचिव डॉ. ललित श्रीवास्तव ने कहा कि आज शिक्षक दिवस पर चिकित्सकीय जगत के भीष्म पितामह और चिकित्सकों के संरक्षक का जाना हम सभी के लिए बड़ी क्षति है। वह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिजिशयन थे। सभी चिकित्सकों ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है।

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. मिश्रा ने कार्डियोलॉजी पर एक किताब लिखी थी, जो डीएम कार्डियोलॉजी के छात्र पढ़ते हैं। इस किताब का नाम प्रोग्रेस एंड कार्डियोलॉजी है। इसका विमोचन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और ब्रिटेन के युवराज के हाथों किया गया था।

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. मिश्रा ने लाखों मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया और हजारों की संख्या में अच्छे डॉक्टर तैयार किए। उनका जीवन बहुत निष्पक्ष और स्पष्टवादी रहा है। वह हमेशा डॉक्टरों और छात्रों की प्रति संवेदनशील रहते थे।

 

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Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels