सीबीआई की विशेष अदालत ने करनाल में भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के महाप्रबंधक रहे चंद्रहास को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई। सजा सुनाने के साथ सीबीआई की अदालत ने चंद्रहास पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
दायर मामला 23 जून 2014 का है। मामले के अनुसार, करनाल में भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के जनरल मैनेजर चंद्रहास के घर सीबीआई की टीम ने छापा मारकर उन्हें दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। टीम उन्हें गिरफ्तार करके चंडीगढ़ ले आई थी। वह कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और करनाल जिले के भारत संचार निगम के सबसे बड़े अधिकारी रहे हैं।
सीबीआई की टीम में शामिल दो महिलाओं समेत लगभग दस कर्मियों ने उनके घर में छापा मारा था। सीबीआई की टीम ने आते ही जनरल मैनेजर की कोठी के बाहर से आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था और सारी रात इस कार्रवाई को अंजाम दिया था। इस दौरान सारे घर से बैंक खातों, नकदी व गोल्ड के बारे पूछताछ की गई है। सीबीआई की टीम ने घर की तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज के अलावा 9 लाख रुपये नकद, 12 लाख रुपये के जेवर जब्त किए थे।
सीबीआई ने दो सूटकेसों में कैश, अन्य सामान व दस्तावेज, बैंक की कॉपियां, एक प्रिंटर व लैपटॉप को कब्जे में लेकरबीएसएनएल (BSNL) जनरल मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ऑफिसर राम सिंह की अगुवाई में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। बीएसएनएल के कनिष्ठ अभियंता (जेई) यशपाल की ओर से सीबीआई को लिखित शिकायत दी गई थी। इसमें उन्होंने जीएम चंद्रहास पर दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। जेई यशपाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जीएम उनके खिलाफ चार्जशीट में उन्हें क्लीन चिट देने के लिए दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे। सीबीआई ने जीएम को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था।