उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur ) जिले में 21 अगस्त की रात करीब 11.30 बजे विजय प्रजापति( Vijay Prajapati ) घर में घुसकर राजीव नयन सिंह को मारने लगा। शोर सुनकर 16 वर्षीय पुत्री काजल सिंह घर से बाहर निकल आई और अपने पिता को पिटता देख मोबाइल में वीडियो बनाने लगी। जिससे नाराज होकर विजय ने काजल के पेट में गोली मार दी थी।
गोरखपुर (Gorakhpur ) जिले में काजल का हत्यारे विजय प्रजापति ( Vijay Prajapati )पुलिस ने आज मुठभेड़ में मार गिरायाहै,एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस से घिरता देख फायरिंग कर भाग रहा था अपराधी विजय। फायरिंग में घायल होने के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गगहा के बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम था।
गोरखपुर (Gorakhpur ) एसएसपी ने बताया कि बीती देर रात चेंकिंग चल रही थी। इसके बाद विजय प्रजापति के संभावित ठिकाने पर जब पुलिस टीम पहुंची तो विजय ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी और भागने लगा। पुलिस ने भी जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश घायल हो गया और दूसरा भाग गया। घायल बदमाश को अस्पताल लाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसकी शिनाख्त विजय के रूप मे ं हुई है। विजय ने कुछ दिन पहले एक लड़की काजल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस पर अपराध के दर्जनों मामले थे और एक लाख का इनाम भी था।
जानकारी के मुताबिक,गोरखपुर(Gorakhpur ) के गगहा इलाके के जगदीशपुर भलुवान निवासी राजीव नयन सिंह का अपने ही गांव के शातिर अपराधी विजय प्रजापति ( Vijay Prajapati )से पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद था। जिसको लेकर 21अगस्त की रात करीब 11.30 बजे विजय प्रजापति घर में घुसकर राजीव नयन सिंह को मारने लगा। शोर सुनकर 16 वर्षीय पुत्री काजल सिंह घर से बाहर निकल आई और अपने पिता को पिटता देख मोबाइल में वीडियो बनाने लगी। जिससे नाराज होकर विजय ने काजल के पेट में गोली मार दी थी और उसका मोबाइल छीनकर साथियों संग फरार हो गया था। इलाज के दौरान काजल सिंह मौत हो गई।
विजय पर गोरखपुर, बाराबंकी और देहरादून में कई संगीन वारदात को अंजाम देने के मामले में मुकदमे दर्ज हैं। इसमें लूट के 12 से अधिक मुकदमे शामिल हैं। वह गोरखपुर के अलावा एनसीआर क्षेत्र में भी सक्रिय था। पुलिस ने उसके पास से एक बाइक, 2 पिस्टल सीबीआई और हरियाणा पुलिस की फर्जी आई कार्ड भी बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक शहर से बाहर वह कभी पुलिस वाला तो कभी सीबीआई का अधिकारी बनकर घूमता था और वारदातों को अंजाम देता था।