उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मैनपुरी ( Mainpuri ) जिले में 11वी की स्कूली छात्रा की संदिग्ध हालत में मौत के मामले में तलब किए गए उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court ) के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। इससे नाराज कोर्ट ने उनको बृहस्पतिवार को फिर से तलब कर लिया है। कहा है कि आप आज प्रयागराज नहीं छोड़ेंगे और कल केस की पूरी जानकारी कर तैयारी के साथ फिर से हाज़िर हों। उनके साथ ही कोर्ट ने आईजी मोहित अग्रवाल और जांच कर रही एसआईटी के सदस्यों को भी हाज़िर रहने का आदेश दिया है।
महेंद्र प्रताप सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति ए के ओझा की खंडपीठ ने छात्रा की मौत को लेकर कोर्ट में हाजिर डीजीपी से कुछ सवाल किए, परंतु वह उसका सही जवाब नहीं दे सके। इस पर कोर्ट ने कहा कि लगता है कि डीजीपी ने इस केस की फाइल को नहीं पढ़ा है। कोर्ट ने कहा कि जरूरी है कि वह 24 घंटे प्रयागराज में रहें और घटना की सही जानकारी के साथ फिर कल हाजिर हों।
डीजीपी मुकुल गोयल से कोर्ट ने इस मामले से जुड़े कई सवाल किए। कोर्ट ने अभियुक्तों का बयान लेकर छोड़ देने और उनकी गिरफ्तारी नहीं करने को गंभीरता से लिया। सुनवाई की शुरुआत में छात्रा की फांसी के बाद हुए शव के पंचनामे की वीडियो रिकार्डिंग देखने के बाद कोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि किसी के भी खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने पर पहला काम क्या करते हैं? डीजीपी ने जवाब दिया कि गिरफ्तारी।
फिर कोर्ट ने पूछा कि इतने गंभीर मामले में पुलिस ने आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया? क्या आपने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी है? डीजीपी का जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने कहा कि हम आपको बताते हैं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नाबालिग के कपड़ों पर सीमेन पाया गया है। उसके सिर पर चोट के निशान थे। इसके बाद भी तीन महीने बाद अभियुक्तों का केवल बयान ही लिया गया, ऐसा क्यों? इस पर डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि फिर से एसआईटी गठित कर देते हैं।
डीजीपी मुकुल गोयल के इस जवाब पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि तीन साल पूर्व गठित एसआईटी ने क्या किया? अब एक और एसआईटी के गठन से क्या होगा? किस पर विश्वास किया जाए? कोर्ट ने पूछा, आपने तीन साल में किसके खिलाफ कार्रवाई की। कोर्ट ने यह भी कहा, हमें खुद बताना पड़ रहा है कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है। रिकॉर्ड अच्छी तरह से देख लीजिए और पूरा मामला समझ लीजिए।
इसके बाद कल सुबह 10 बजे पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों। पिछली सुनवाई पर एसआईटी ने कोर्ट को बताया था कि घटना की एफआईआर तो दर्ज कर ली गई थी लेकिन आरोपी से पूछताछ उचित समय के भीतर नहीं की गई। आरोपी से पूछताछ घटना के तीन माह बाद की गई।
कोर्ट में मौजूद जांच अधिकारी आरोपी से पूछताछ में हुई देरी के बारे में कुछ नहीं बता सके थे। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि यह अंतराल आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोपों के बावजूद हुआ, जो गंभीर चूक है। इसके बाद कोर्ट ने डीजीपी को आज तलब किया था।
इससे पहले कोर्ट ने 24 अगस्त 21 को इस मामले की केस डायरी मंगाई थी। मंगलवार को केस डायरी के साथ एसआईटी टीम के सदस्य हाईकोर्ट में हाजिर हुए। बताया कि 16 सितंबर 19 की घटना की एफआईआर 17 जुलाई 21 को दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने कहा कि तीन माह बाद भी गंभीर आरोप के बावजूद अभियुक्तों से पूछताछ नहीं की गई। विवेचनाधिकारी ने देरी का कारण भी नहीं बताया।
बुधवार को पुलिस महानिदेशक, मुकुल गोयल हाईकोर्ट पहुंच तो गए मगर वह अदालत के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे सके। अदालत ने उनसे पूछा कि क्या आप ने एफआईआर पढ़ी है, उसमें क्या लिखा है तो डीजीपी कुछ बता नहीं सके। इस पर कोर्ट ने कहा कि लगता है आप को किसी ने बताया नहीं कि आप को यहां किसलिए बुलाया गया है। आप इस मामले की जानकारी हासिल करिए।
मैनपुरी ( Mainpuri ) जिले के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में कक्षा 11 की छात्रा अनुष्का की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। छात्रा स्कूल के हॉस्टल में फांसी पर लटकी मिली। विद्यालय प्रशासन फांसी लगाए जाने की बात कही थी वहीं परिजन हत्या का आरोप लगाया था। पंचनामा की फोटोग्राफी भी नहीं कराई गई है। सरकारी वकील ने बताया कि इस मामले में एसपी मैनपुरी ( Mainpuri ) को निलंबित कर जांच बैठाई गई थी, मगर जांच पूरी होने से पहले की वह रिटायर हो गए। कोर्ट ने कहा था कि एसपी के रिटायर होने से पहले कार्रवाई क्यों नहीं की गई। डीजीपी एक्शन लेकर बताएं कि उन्होंने क्या किया।
साथ ही मैनपुरी ( Mainpuri ) के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। हाईकोर्ट के इस कड़े रुख के बाद अब शासन ने मैनपुरी के तत्कालीन एएसपी और वर्तमान में एटा (Etah ) के एएसपी ओमप्रकाश सिंह को सस्पेंड कर दिया है, वहीं तत्कालीन संबंधित सीओ और वर्तमान में भदोही के सीओ प्रयंक जैन को भी निलंबित कर दिया गया है।