घूसकांड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB ) ने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) के चेयरमैन आईएएस (IAS ) नीरज के. पवन, एमडी आईएएस (IAS ) प्रदीप गवंडे सहित 9 जनों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कर लिया है। एसीबी डीजी बीएल सोनी ने यह जानकारी दी।
इनमें आरएसएलडीसी में प्रतिनियुक्ति पर लगे महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय के सहायक आचार्य राहुल कुमार गर्ग, स्कीम कॉर्डिनेटर अशोक सांगवान, आरएएस करतार सिंह, अमित शर्मा, गजेंद्र शर्मा, बीवीजी इंडिया के कर्मचारी दिनेश और बालाजी ट्रेडिंग पार्टनर के कर्मचारी मुकेश का नाम भी शामिल है।
ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार अब दोनों आईएएस (IAS ) नीरज के पवन और प्रदीप गवड़े पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। जांच और पूछताछ के बाद इनकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। दोनों के जब्त किए गए मोबाइल फोन के डाटा की जांच में कई महत्वपूर्ण सबूत ब्यूरो की जांच टीम को मिले हैं । आरएसएलडीसी के दफ्तर में दोनोें के कमरों में भी कई सबूत मिले हैं। पवन आरएसएलडीसी के चेयरमैन और गवड़े एमडी हैं।
जांच में सामने आया कि आरएसडीसी के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं से पैसों की वसूली की जाती थी । इन लोगों को जो संस्था पैसे नहीं देती है उसे या तो ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता है या फिर जुर्माना लगाया जाता है । इसके बाद ब्लैक लिस्ट से हटाने या जुर्माना राशि कम करने के बदले में भी रिश्वत ली जाती है।
ब्लैक लिस्ट से किसी भी फर्म को हटाने का फैसला चेयरमैन और एसडी ही कर सकते हैं । ऐसे में इन दोनों के पास रिश्वत की रकम पहुंचती है। ऐसे युवाओं से भी पैसे वसूले जाते हैं जो मात्र प्रमाण-पत्र लेते हैं । यहां क्लास में शामिल नहीं होते हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने युवाओं को प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आरएसएलडीसी का गठन कर रखा है। यह निजी फर्माे के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाती रहती है।