राजस्थान ( Rajasthan ) के दौसा( Dausa ) जिले में दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने आये केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी( Nitin Gadkari ) ने कहा है कि सड़कों पर दौड़ते वाहनों में अब तबला, हारमोनियम, सारंगी और शंख की आवाज वाले हार्न सुनाई देंगे। नए हार्न पैटर्न पर काम शुरू कर दिया गया है। इससे आवाज से होने वाला पाल्युशन कम होगा। पहले चरण में ऐसे हार्न एंबुलेंस में लगेंगे। इससे वन्यजीवों के आसपास से गुजरने वाले राजमार्ग से वन्यजीव परेशान नहीं होंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को दौसा जिले दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने के बाद धनावड़ गांव में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने 90 हजार करोड़ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेसवे का काम तेजी से करने के उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस वे पर टोल नीति में बदलाव किया जाएगा। अगले दो साल में जीपीएस सिस्टम से टोल के भुगतान की व्यवस्था की जाएगी। इसमें एक साफ्टवेयर तैयार कर सैटेलाइट और जीपीएस से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद जो भी वाहन राजमार्ग पर जितने भी किलोमीटर चलेगा, उसे उतना ही टोल देना होगा। उन्होंने कहा कि रणथंभौर और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से निकलने वाले एक्सप्रेस वे के हिस्से को एक एलिवेटेड कारिडोर की तरह बनाया जाएगा, जिससे सेंचुरी में रहने वाले जीव-जंतुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की जगह इथेनाल से वाहन चलाने के लिए कानून में बदलाव किया जा रहा है। पहले फेज में दो साल में स्कूटर और मोटरसाइकिल इथेनाल से चलाने की व्यवस्था होगी। यह 65 रुपये प्रति लीटर में मिलेगा, जबकि पेट्रोल और डीजल काफी महंगा है।
गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने आगे कहा कि रणथंभौर व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से निकलने वाले एक्सप्रेस-वे के हिस्से को एक एलिवेटेड कॉरिडोर की तरह बनाकर निकाला जाएगा, ताकि सेंचुरी में रहने वाले जीव-जंतुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने कहा,मेरा सपना है कि दिल्ली-जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक हाइवे बनाया जाए। इस इलेक्ट्रिक हाइवे पर बस और ट्रक सहित सभी इलेक्ट्रिक वाहल चलें। उन्होंने कहा कि दिल्ली से किशनगढ़ तक हाइवे सुधार के लिए नया डीपीआर बनाया गया है। 1200 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर बनाने सहित सुधार कार्य होंगे। डेढ़ साल में यह काम 100 फीसदी पूरा हो जाएगा। दिल्ली से जयपुर के बीच कुछ स्थानों पर अतिक्रम हैं, उन्हें जल्द ही हटा दिया जाएगा। एक्सप्रेस वे को रिंग रोड से जोड़ा जाएगा।

इस कार्यक्रम में गडकरी के साथ सांसद जसकौर मीणा, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, बांदीकुई विधायक जीआर खटाना समेत NHAI के अधिकारी मौजूद थे।
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत माला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। इसके जरिए इन दो बड़े शहरों को जोड़ा जाएगा। यह हाईवे 1350 किमी लंबा होगा। इसे बनाने में 90 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह हाईवे देश के 5 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा।