अयोध्या (Ayodhya ) में राम मंदिर (Ram Temple) का निर्माण कार्य चल रहा है। 48 लेयर की बनाई जा रही नींव का काम लगभग खत्म हो चुका है। इसके बाद राम चबूतरा बनेगा। ऐसे में देश के करोड़ों राम भक्तों में उत्सुकता है कि उनके आराध्य प्रभु राम का मंदिर कैसे और किस तरह बन रहा है।
श्री राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक किया गया पूरा कार्य गुरुवार को मीडिया को आमंत्रित करके ट्रस्ट और इंजीनियरों की टीम ने सार्वजनिक कर दिया। पूरे देश को राम मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया गया।
दोपहर में मीडिया कर्मियों को राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण कार्य देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। भारी बारिश के बीच पहुंचे पत्रकारों ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति का लाइव प्रसारण किया तो घर बैठे लोग राम मंदिर निर्माण कार्य को देखकरआह्लादित हो उठे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ( Champat Rai ) ने बताया कि राम मंदिर (Ram Temple)निर्माण की नींव भराई का कार्य अंतिम चरण में है, अब तक 46 लेयर पड़ चुकी है, 48 लेयर डाली जानी है। इसके बाद राफ्ट का निर्माण होगा। बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर में रामलला का दर्शन भक्तों को प्राप्त होने लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा गर्भ गृह में रामलला तो दूसरे तल पर राम दरबार विराजित होगा। मंदिर का परकोटा साढ़े 6 एकड़ में बनाया जाएगा।
ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि 48 लेयर के ऊपर बनने वाली आधार भूमि अब तक बने लेयर से 10 गुना ज्यादा मजबूत होगी। जिससे कि मंदिर की नींव हजारों-हजारों साल चल सके। उन्होंने बताया कि आधार भूमि पर बिछाने के लिए मिर्जापुर के पत्थर परिसर में आ गए हैं। इसके ऊपर राम चबूतरा बनेगा और राम चबूतरे के ऊपर मंदिर का निर्माण होगा।
चंपत राय ने बताया कि राजस्थान से बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को लेकर अवरोध दूर हो गया है। नवंबर से पत्थरों का आगमन शुरू हो जाएगा। मंदिर में 3 तरीके के पत्थरों का इस्तेमाल होगा।
पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर (Ram Temple)निर्माण के लिए शिलापूजन किया था। इसके बाद नींव निर्माण की शुरुआत हुई थी। दिसंबर 2023 तक जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर में भगवान विराजमान हो जाएंगे।